सावधान ! जानिए बरेली में कोरोना से खतरनाक मलेरिया कैसे दे रहा दस्तक Bareilly News
कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत भले ज्यादा हो मगर जिले में मलेरिया का कहर इससे अधिक रहा है। अब तक जिले में कोरोना के महज 69 मरीज सामने आए हैं।
अंकित गुप्ता, बरेली। कोरोना संक्रमण को लेकर दहशत भले ज्यादा हो मगर जिले में मलेरिया का कहर इससे अधिक रहा है। अब तक जिले में कोरोना के महज 69 मरीज सामने आए हैं, जबकि पिछले वर्ष मलेरिया का प्रकोप इससे सैकड़ों गुना अधिक रहा। मलेरिया के करीब 46 हजार मरीज सामने आए थे। इस बार जहां कोरोना से दो लोगों की मौत हुई, वहीं पिछले वर्ष मलेरिया से दो दर्जन लोगों की मौत हुई थी। बावजूद इसके अभी तक स्वास्थ्य विभाग को मलेरिया को लेकर शासन से कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है। अब तक 864 मलेरिया से बीमार मिल चुके हैं।
कोरोना के डर से छिपा रहे मलेरिया
स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया जांच के लिए जो सर्वे शुरू कराया है, उसमें कोरोना इफेक्ट नजर आ रहा है। गांव के लोग क्वारंटाइन होने के डर से बुखार आदि बीमारी ही नहीं बता रहे हैं। इसके चलते भी मलेरिया के रोगी सामने नहीं आ पा रहे हैं।
50 हजार से ज्यादा संक्रमित होने की आशंका
बीते तीन वर्षो के परिणाम बताते हैं कि जिले में मलेरिया की चपेट में आने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2017 में मलेरिया की 2.12 लाख जांच हुई थीं। इसमें 30 हजार मलेरिया संक्रमित पाए गए। 2018 में 2.51 लाख जांच हुई, जिसमें 37 हजार और 2019 में 2.94 लाख जांच हुई, जिसमें 46 हजार मलेरिया के मरीज मिले थे। इस बार जांच का लक्ष्य पांच लाख था। हर बार बढ़ती संख्या को देखते हुए आशंका जताई जा रही थी कि मलेरिया के 50 हजार से ज्यादा मरीज मिलेंगे, लेकिन कोरोना के चलते जांच प्रक्रिया ही लटक गई।
नौ ब्लॉक के 800 गांवों मलेरिया का खतरा
जिले के क्यारा, भमोरा, मझगवां, रामनगर, आंवला, फतेहगंज पश्चिमी, फरीदपुर, भोजीपुरा, कुआंटांडा ब्लॉक के आठ सौ गांवों में मलेरिया का खतरा अधिक हैं। आंवला ब्लॉक के 150 गांवों में यह ज्यादा हावी रहता है। यहां के बेहटा बुजुर्ग में प्रतिवर्ष 200 से अधिक मरीज सामने आते हैं।
मलेरिया से निपटने को अब तक बस तैयारी
स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मलेरिया अभियान शुरू नहीं किया है। तैयारियां चल रही हैं। सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ल ने सोमवार को बैठक कर चिह्नित नौ ब्लॉक के सभी गांवों में युद्धस्तर पर अभियानकी तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
60 हजार किट से कैसे होगी पांच लाख जांच
पांच लाख टेस्ट का दम भरने वाले महकमे के पास अब तक 60 हजार रैपिड टेस्ट किट ही मौजूद हैं। विभाग का दावा है कि अभियान की शुरुआत से पहले ही किट आ जाएंगी, लेकिन कब तक आएंगी, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
विशेषज्ञ बोले, मलेरिया ज्यादा खतरनाक
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. डीआर सिंह बताते हैं कि कोरोना छूने या संपर्क में आने से फैलता है, लेकिन मलेरिया मच्छर व गंदगी की वजह से फैलता है। कोरोना से बचना आसान है। जबकि मलेरिया से बचने को मच्छरदानी का उपयोग जरूरी है।
कोरोना नया संक्रमण है। इसकी वैक्सीन भी नहीं है। इसके लिए यह अधिक खतरनाक है। जबकि मलेरिया पहले से सक्रिय संक्रमण है। बैठक कर सभी चिकित्साधीक्षक को निर्देश दिए गए हैं। दो दिन के भीतर अभियान शुरू कर दिया जाएगा।- डॉ. विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ