एयरपोर्ट अथॉरिटी की टीम पहुंची, साइट सर्वे शुरू
जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी योजना और फाइलों पर ही आकार लेने वाला सिविल एन्क्लेव प्रोजेक्ट आखिर त
जागरण संवाददाता, बरेली : सरकारी योजना और फाइलों पर ही आकार लेने वाला सिविल एन्क्लेव प्रोजेक्ट आखिर तमाम पड़ाव और तकनीकी बाधाओं को पार कर जमीन पर उतर आया। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और निर्माण के लिए अधिकृत की गई दिल्ली की जेके गोयल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी की टीम शहर पहुंच गई। मंगलवार को तकनीकी दल ने मुड़िया अहमद नगर और चावड़ गांव में जमीन का निरीक्षण किया। टैक्सी वे और एप्रेन निर्माण के लिए कंपनी के तकनीकी दल ने वर्क प्रोफाइल बनाने का सर्वे शुरू कर दिया। मिट्टी की जांच के बाद अगले सप्ताह तक भूमि पूजन की संभावना है। 11 मई को डीएम के साथ बैठक
सिविल एन्क्लेव के लिए अधिकृत तौर पर काम और भूमि पूजन की साइट जिला प्रशासन के साथ होने वाली विशेष बैठक में तय होगी। 11 मई को डीएम के साथ यह बैठक होनी है। इसमें प्राधिकरण के संयुक्त महाप्रबंधक राजीव कुलश्रेष्ठ, प्रोजेक्ट के लिए नियुक्त लखनऊ स्थित एयरपोर्ट अथॉरिटी के सहायक महाप्रबंधक जेपी सिंह भी शामिल होंगे। प्रदेश सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के भूमि पूजन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल नंदी के शामिल होने की संभावना है। दिल्ली से मंगाई गई मशीनें
जेके गोयल इन्फ्रास्ट्रक्चर के तकनीकी विशेषज्ञों और इंजीनियर की टीम ने मुड़िया में मयूर वन चेतना केंद्र से लेकर वायुसेना की बाउंड्री तक विस्तृत मुआयना किया। सूत्रों के मुताबिक साइट के वर्क प्रोफाइल में भौगोलिक स्थिति (अक्षांश और देशांतर), मिट्टी की प्रकृति, मुलायम और कठोर भूमि क्षेत्र की एक-एक तकनीकि जानकारी शामिल की जाती है। सर्वे के लिए दिल्ली से विशेष मशीनें मंगाई गई हैं। असमतल है जमीन, भराव से बनेगा हार्ड बेस
सूत्रों के मुताबिक 37 एकड़ में फैली एन्क्लेव की साइट असमतल है। मयूर वन चेतना केंद्र और वायुसेना स्टेशन की बाउंड्री से लगी जमीन काफी लो लैंड यानी नीचे का क्षेत्र है। साथ ही रुहेलखंड नहर खंड की सूखी पड़ी नहर और उसके आसपास के बड़े क्षेत्र की जमीन रेतीली है। रेतीली जमीन को हटवाकर इस क्षेत्र में बाहर से कठोर मिट्टी का भराव कराके टैक्सी ट्रैक लायक हार्ड बेस बनाया जाएगा।
निर्माण के दौरान कैमरों से निगरानी
एयरफोर्स की बाउंड्री के पास हाईरिजॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। हाई पट्टी के पास त्रिशूल एयरबेस क्षेत्र के लिए चिह्नित प्रवेश द्वार, प्रस्तावित एप्रेन क्षेत्र और मुड़िया की साइट पर यह कैमरे लगेंगे।