Agle Janam Mohe Bitiya Na Keejo : सीता को जिंदा दफनाने वालों पर मुकदमा Bareilly News
सिटी श्मशान भूमि पर नवजात को जिंदा दफनाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट अज्ञात के खिलाफ हुई है।
जेएनएन, बरेली : सिटी श्मशान भूमि पर नवजात को जिंदा दफनाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट अज्ञात के खिलाफ हुई है। अब पुलिस जांच करेगी कि नवजात को मटके में रख किसने जमीन में दबा दिया था। नवजात बच्चों को फेंके जाने को लेकर पुलिस अब सख्त हो रही है। ऐसे अभिभावकों को सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की पहल एसएसपी शैलेष पांडेय ने कर दी है। गुरुवार को मटके के अंदर बंदकर नवजात को गड्ढे में दबाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। जिसके बाद देर रात सुभाषनगर थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को कौन-कौन श्मशान में आया था, इसकी जानकारी जुटा रहे।
जमीन में दबी मिली बच्ची की हालत नाजुक: जमीन में जिंदा दफन की गई बच्ची वहां से तो बाहर निकाल ली गई मगर अब उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। शरीर में संक्रमण है, प्लेटलेट्स काफी कम हो गई हैं। निजी अस्पताल में उसके जिंदगी बचाने की कोशिश हो रही है।
शाम को दफनाने पहुंची थी पति के साथ महिला दारोगा
गुरुवार को सीबीगंज की सिटी श्मशान भूमि में कोई एक बच्ची को मटके में बंदकर जमीन में दबा गया था। उसी दिन सीबीगंज की वेस्टर्न कॉलोनी निवासी महिला दारोगा वैशाली ने मृत प्री मेच्योर बच्ची को जन्म दिया। शाम करीब छह बजे उनके पति हितेश कुमार सिरोही उस नवजात का शव दफनाने सिटी श्मशान भूमि पहुंचे थे।
बिथरी विधायक ने निजी अस्पताल में करवाया था भर्ती
गड्ढा खोदवाया तो मटका निकला जिसमें एक नवजात बच्ची जिंदा बंद थी। हितेश ने उसे पुलिस के जरिये जिला अस्पताल भेजा। इसके बाद अपनी नवजात का शव उसी गड्ढे में दफनाया। मामला जानकारी में आने पर बिथरी चैनपुर विधायक राजेश मिश्र ने शनिवार को उस बच्ची को निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
बिगड गई थी हालत प्लेटलेट्स गिरकर हो गए थे 14 हजार
बच्ची का इलाज कर रहे डॉ. रवि खन्ना ने बताया कि बच्ची प्री मेच्योर होने के कारण बेहद कमजोर है। खून में इंफेक्शन है। रविवार की रात को उसके प्लेटलेट्स गिरकर 14 हजार पहुंच गए। तब प्लेटलेट्स चढ़वाए गए। उसे वार्मर में ऑक्सीजन लगाकर रखा गया है। ट्यूब से थोड़ा-थोड़ा दूध दिया जा रहा है।प्लेटलेट्स कम होना खतरनाक है। यदि प्लेटलेट्स लगातार कम हुए तो उसे रक्तस्राव होने की आशंका बढ़ जाएगी जोकि बेहद गंभीर हो सकता है। फिलहाल उसका संक्रमण कम करने के लिए दवाएं दी जा रही हैं।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने लिया बच्ची का संज्ञान
लावारिस मिली इस बच्ची का संज्ञान चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने भी लिया है। मजिस्ट्रेट डॉ. डीएन शर्मा ने बताया कि अभी उसे इलाज की जरूरत है। हालत ठीक होने के बाद सुपुर्दगी में लेकर वार्न बेबी फोल्ड में रखेंगे। दो महीने की होने के बाद यदि कोई उसे गोद लेने की इच्छा व्यक्त करता है तो प्रक्रिया शुरू करा देंगे।