ताजिया विवाद के बाद उमरिया में पसरा सन्नाटा, घरों पर लटके ताले.. सियासत तेज
मुहर्रम वाले दिन कलारी के ताजियों को लेकर उमरिया में हुए बवाल का असर बरकरार है।
बरेली (जेएनएन)। मुहर्रम वाले दिन कलारी के ताजियों को लेकर उमरिया में हुए बवाल का असर बरकरार है। पुलिस के हमलावरों पर शिकंजा कसते ही गांव में सन्नाटा पसर गया है। अधिकांश घरों में ताले लटके हैं। पुरुषों के साथ महिलाएं भी गांव छोड़कर दूसरी जगह जा रही हैं। खुराफातियों के साथ तमाम लोग घर से से पलायन कर गए हैं। सोमवार को शाम के समय सड़कों पर भी सन्नाटा नजर आया।
ताजिया विवाद के दौरान उमरिया में खुराफातियों ने पुलिस पर पथराव किया था। इसमें इंस्पेक्टर समेत तमाम पुलिस वाले घायल हो गए थे। कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने भी सख्ताई दिखाई। रविवार को गांव में दबिश देकर हमलावर जिला पंचायत सदस्य समेत 37 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस के एक-एक घर से खुराफाती तलाशे। मकसद था, कानून व्यवस्था कायम रहे लेकिन, शिकंजा कसते ही गांव वाले एक-एक कर फरार होने लगे हैं। सोमवार शाम नकटिया पुलिस चौकी से उमरिया गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर सभी दुकानें जरूर बंद रहीं। कुछ लोग अंदर की सड़कों पर घूमते दिखे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने गांव में अंदर की तरफ कार्रवाई की है। वहां पर काफी लोग गांव छोड़कर गए हैं, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं है। नूरी मस्जिद के पास वाले क्षेत्र में अधिकांश घरों पर ताले लटके मिले। यहां के कुछ लोगों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश भी जताया। यह कहकर कि खुराफातियों को पकड़ना चाहिए थे। पुलिस जबरन घरों में घुसी। तोड़फोड़ करने के साथ ही मारपीट भी की। फिलहाल, घरों में सिर्फ बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे हैं।
--अब पथराव से कर रहे इन्कार
पुलिस का शिकंजा कसा तो कांवड़ और फिर मुहर्रम पर इलाके को तनाव में झोंकने वाले उमरिया वाले सफाई देते दिखे। बोले, हमने पथराव नहीं किया। गांव में बाहर से कुछ युवक आए थे। उन्होंने पुलिस टीम पर पथराव किया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई पर वह लोग भाग गए। खामियाजा उमरिया के ग्रामीण उठा रहे हैं।
--दिखाए घरों के टूटे दरवाजे
खातून ने बताया पुलिस ने उनके घर का दरवाजा तोड़ दिया। नाती फैजान टांग टूटने से रामपुर गार्डन में निजी अस्पताल में भर्ती है। रेशमा ने बताया कि उनके परिवार के दो पुरुष सदस्यों को पुलिस पकड़कर ले गई।