शराब से भरा ट्रक छोड़ने के बाद फरार हुए यूपी पुलिस के थानाध्यक्ष और दारोगा... पढ़िए ये रिपोर्ट Bareilly News
ब माफिया से 1.82 लाख की वसूली के बाद निलंबन फिर भ्रष्टाचार के मुकदमे में फंसे भुता के पूर्व थानाध्यक्ष और दारोगा को फरार घोषित कर दिया गया।
जेएनएन, बरेली : शराब माफिया से 1.82 लाख की वसूली के बाद निलंबन फिर भ्रष्टाचार के मुकदमे में फंसे भुता के पूर्व थानाध्यक्ष और दारोगा को फरार घोषित कर दिया गया। दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश दी लेकिन हाथ नहीं आए। अब मोबाइल सर्विलांस के सहारे दोनों की लोकेशन तलाशने की कोशिश की जा रही।
छोडा था शराब से भरा ट्रक :14 अक्टूबर को भुता थाना पुलिस ने चंडीगढ़ से बिहार जा रहे शराब से भरे ट्रक को पकड़ा था। ट्रक चालक की ओर से मिले प्रलोभन पर तत्कालीन भुता थानाध्यक्ष राजवीर परमार ने उसे छोड़ दिया था। इस खेल में दारोगा हरिकेश भी शामिल था। बाद में यही ट्रक आगे गया तो पीलीभीत पुलिस ने पकड़ लिया।
पूछताछ में खुला 1.82 लाख का राज : पूछताछ हुई तो ट्रक चालक ने बताया कि वह 1.82 लाख रुपये भुता थानाध्यक्ष राजवीर परमार को देकर आया है। यह रकम उसने शराब माफिया से मंगवाकर राजवीर परमार के एक रिश्तेदार को कुछ टुकड़ों में पेटीएम द्वारा दी गई थी। मामले की सूचना पर पीलीभीत के एसपी अभिषेक दीक्षित ने भी पूछताछ की।
डीआइजी ने एसएसपी से तलब की रिपोर्ट : इसके बाद डीआइजी राजेश पांडेय को पूरा वाकया बताया फिर पीलीभीत पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। डीआइजी ने बरेली के एसएसपी शैलेश पांडेय से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब कर ली।
जांच के बाद आरोपितों पर की गई कार्रवाई : पूरे मामले को लेकर एएसपी अभिषेक वर्मा ने जांच की, जिसमें पाया गया कि राजवीर परमार व हरिकेश ने शराब माफिया से 1.82 लाख रुपये लिए। जिसके बाद तीन जनवरी को दोनों को इस मामले में निलंबित कर दिया। पांच जनवरी को भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
भुता के पूर्व थानाध्यक्ष एसआइ राजवीर परमार व दारोगा हरिकेश फरार हैं। उन्हें फरार घोषित कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
राजेश पांडेय, डीआइजी, बरेली