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20 साल से बंद बरेली स्थित रबड़ फैक्ट्री को अपने पास रख सकता है प्रशासन, शासन को भेजी रिपोर्ट

अधिकारियों का कहना है कि एग्रीमेंट के वक्त राज्य सरकार और अल केमिस्ट कंपनी का प्रबंधन पक्षकार थे इसलिए मुंबई हाईकोर्ट के 19 अक्टूबर को अल-केमिस्ट असेस्ट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के पक्ष में आठ सप्ताह में रबड़ फैक्ट्री जमीन पर कब्जा देने के आदेश पर विचार किया जा रहा है।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Dec 2020 02:41 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 02:41 PM (IST)
20 साल से बंद बरेली स्थित रबड़ फैक्ट्री को अपने पास रख सकता है प्रशासन, शासन को भेजी रिपोर्ट
राज्य सरकार के मार्गदर्शन के अनुसार ही प्रशासन केस की पैरवी करेगा।

 बरेली, जेएनएन।  रबड़ फैक्ट्री की 1380 एकड़ जमीन की पैमाइश और देनदारियों पर तैयार रिपोर्ट प्रशासन ने राज्य सरकार को भेज दी। अधिकारियों का कहना है कि एग्रीमेंट के वक्त राज्य सरकार और अल केमिस्ट कंपनी का प्रबंधन पक्षकार थे, इसलिए मुंबई हाईकोर्ट के 19 अक्टूबर को अल-केमिस्ट असेस्ट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के पक्ष में आठ सप्ताह में रबड़ फैक्ट्री जमीन पर कब्जा देने के आदेश पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार के मार्गदर्शन के अनुसार ही प्रशासन केस की पैरवी करेगा। इसके लिए विधिक राय ली जा रही है।

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चूंकि मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक अल केमिस्ट असेस्ट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को 14 दिसंबर तक रबड़ फैक्ट्री की संपत्ति पर भौतिक अधिकार देने हैं। आदेश का पालन कराने के लिए रिसीवर एनबी ठक्कर इसी सप्ताह बरेली आकर कमिश्नर रणवीर प्रसाद से मुलाकात करेंगे। दरअसल, केस के वादी अल केमिस्ट ने फैक्ट्री की 1380 एकड़ भूमि, प्लांट, भवन, मशीनों आदि पर दावा किया।

भले ही मुंबई हाईकोर्ट का फैसला वादी अल केमिस्ट असेस्ट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के पक्ष में हुआ हो।राज्य सरकार के पास विकल्प खुले हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वह राज्य सरकार से मिले आदेशों का इंतजार करेंगे। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक रबड़ फैक्ट्री की जमीन पर सरकारी कब्जा लेने के लिए कानूनी पैरवी कराने का आग्रह पहुंच चुका है। कोशिश यही होगी कि आने वाले दिनों में फैक्ट्री की जमीन पर इंडस्ट्रियल हब बन सके। हजारों लोगों को रोजगार मिले। बरेली और आस-पास के जिलों के निवेशकों को उद्यम के लिए भूमि उपलब्ध कराई जा सके।

स्वामित्व प्रक्रिया काम नहीं आई

शासन ने तीन माह पहले तीन सितंबर को विशेष सचिव डॉ. मुथुकुमार सामी बी. को इस मामले में नोडल अधिकारी नामित किया था। राज्य सरकार ने वर्ष 1999 से बंद फैक्ट्री की भूमि पर स्वामित्व प्रक्रिया शुरू कराई। लेकिन पैरवी कोई खास काम नहीं आई।

जमीन और देनदारियों के रिकार्ड भेजे

रिपोर्ट में सदर तहसील के गांव रूकुमपुर, माधौपुर माफी के साथ मीरगंज तहसील के अंतर्गत आने वाले भिटौरा नौगवां उर्फ फतेहगंज पश्चिमी और कुरतरा गांवों की जमीन के रिकार्ड हैं। साथ में बैंक और कर्मचारियों की देनदारियों के रिकार्ड भेजे गए हैं।

क्‍या बोले कमिश्‍नर

बरेली के कमिश्‍नर रणवीर प्रसाद ने बताया कि शासन को रिपोर्ट भेजकर मार्गदर्शन लिया गया है। शासन के निर्देशों के अनुसार ही इस मामले में फैसला किया जाएगा।


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