अभिनेत्री दिशा पाटनी हैं बरेली स्पोर्ट्स स्टेडियम की आजीवन सदस्य, जानिए 20 माह से किसी ने क्यों नहीं ली सदस्यता
क्षेत्रीय स्टेडियम में आजीवन सदस्य बनने वाले यहां के सभी खेलों में आजीवन प्रतिभाग कर सकते हैं। इस धनराशि के जरिए स्टेडियम में जरूरत के मुताबिक खेल से जुड़े उपकरणों की खरीद आदि की गई। इससे बच्चों में खेल के प्रति रुचि जगी और उनका उत्साह बढ़ा।
बरेली, जागरण संवाददाता। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विभाग की ओर से बरेली स्पोर्ट्स स्टेडियम में आजीवन सदस्य बनाने की योजना शुरू की गई थी। जिले के नामी एवं खेल में रुचि रखने वाले लोगों को आजीवन सदस्य बनने के लिए 30 हजार रुपये जमा करने होते थे। इसके पहले सदस्य शहर के प्रथम व्यक्ति महापौर डा. उमेश गौतम बने थे, उन्होंने 30 हजार रुपये जमा किये थे। फिटेनश का विशेष ख्याल रखने वाली बालीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी भी स्टेडियम की आजीवन सदस्य हैं। अब तक कुल 27 लोगों ने स्टेडियम की आजीवन सदस्यता ग्रहण की है, जबकि करीब 20 माह से कोई नया सदस्य ही नहीं बना है। स्टेडियम कोचों की नियुक्ति न होना भी सदस्य न बनने का बड़ा कारण है।
क्षेत्रीय स्टेडियम में आजीवन सदस्य बनने वाले यहां के सभी खेलों में आजीवन प्रतिभाग कर सकते हैं। इस धनराशि के जरिए स्टेडियम में जरूरत के मुताबिक खेल से जुड़े उपकरणों की खरीद आदि की गई। इससे बच्चों में खेल के प्रति रुचि जगी और उनका उत्साह बढ़ा। इसका नतीजा यह हुआ कि कम समय में 27 सदस्यों ने आजीवन सदस्यता लेकर धनराशि जमा की। इसका बोर्ड भी स्टेडियम में ही लगाया गया, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हों। लेकिन करीब 20 महीनों से विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि लंबे समय से कोई नया सदस्य नहीं बना। आजीवन सदस्यता लेने वालों में बरेली के श्री राम मूर्ति स्मारक ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति, जीआरएम स्कूल के प्रबंधक राजेश अग्रवाल जौली आदि शामिल हैं।
खेलकूद प्रतियोगिताएं हुईं कम तो घट गए खिलाड़ी: कोरोना संक्रमण काल की वजह से वर्ष 2021- 22 में खेलकूद प्रतियोगिताएं एवं अन्य आयोजन भी कम हुए। इस कारण लोगों ने स्टेडियम में आना तक बंद कर दिया, क्योंकि स्टेडियम में कोचों की नियुक्ति ना होने और खेलने के लिए किट भी तैयार नहीं हो पाई। इससे अन्य लोगों का स्टेडियम आना कम हो गया।
बरेली के क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र यादव ने कहा कि स्टेडियम में आने वाले लोगों के साथ ही अन्य लोग जो किसी कार्यक्रम या प्रतियोगिता आदि में मिलते रहते हैं, उन्हें स्टेडियम की आजीवन सदस्यता लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अब सदस्यता लेने का हर किसी का अपना निर्णय होता है। इसके लिए दबाव नहीं बना सकते हैं।