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Action in Bareilly : काेविड काल में मानवता को शर्मसार करने वाले दाे हाॅॅस्पिटल पर होगा मुकदमा

Action in Bareilly कोरोना काल के दौरान एक तरफ जहां कुछ चिकित्सक अपनी जान पर खेलकर संक्रमितों का इलाज कर रहे थे। वहीं कुछ आपदा में अवसर खोजने वाले भी थे जिन्होंने इंसानी जान को महज लाखों रुपये वसूलने वाली मशीन समझा।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 08:45 AM (IST)
Action in Bareilly : काेविड काल में मानवता को शर्मसार करने वाले दाे हाॅॅस्पिटल पर होगा मुकदमा

बरेली, जेएनएन। Action in Bareilly :कोरोना काल के दौरान एक तरफ जहां कुछ चिकित्सक अपनी जान पर खेलकर संक्रमितों का इलाज कर रहे थे। वहीं, कुछ आपदा में अवसर खोजने वाले भी थे, जिन्होंने इंसानी जान को महज लाखों रुपये वसूलने वाली मशीन समझा। इतना ही नहीं, जब मौत हो गई तो अपनी गलती छिपाने के लिए सौ नापाक कोशिशें कर डालीं। यहां तक कि संक्रमित की मौत के बाद गलत शव स्वजन के सुपुर्द कर दिया। काफी खोजबीन के बाद असली शव संजय नगर श्मशान घाट की झाड़ियों में पड़ा मिला। कटरा चांद खां निवासी परिवार के साथ हुई घटना मानवता को शर्मसार करने वाली थी। काफी दबाव के बावजूद परिवार ने इंसाफ पाने की कोशिश करी। मामले में अब आरोपित दर्पिन व अपैक्स अस्पताल के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने जा रहा है।

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14 अप्रैल को दर्पिन अस्पताल में भर्ती हुए थे किराना व्यवसायी 

पुराना शहर के कटरा चांद खां निवासी शीतल गुप्ता ने बताया कि उनके पिता हरीश कुमार गुप्ता किराना व्यवसायी थे। 14 अप्रैल को तबीयत खराब होने के बाद इलाके के ही दर्पिन अस्पताल में पिता को भर्ती कराया गया। यहां अस्पताल प्रशासन ने कोविड जांच नहीं कराई और पिता को सीधे इमरजेंसी वार्ड में डेंगू बताते हुए भर्ती कर लिया। यहां पिता की प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ते देख स्टाफ ने कुछ बार ऐसी बात कही कि पिता की हालत बिगड़ने लगी। इस बीच अलग-अलग तरह से करीब साढ़े तीन लाख रुपये जमा करा लिए। 21 अप्रैल को पिता की तबीयत ज्यादा खराब बताकर जबरन दूसरी जगह ले जाने की बात कहते हुए बेड खाली करा लिया। यहां स्टाफ पिता को दवाई या खाना भी खुद नहीं देता था।

अपैक्स में पहले ठीक बताया, चंद घंटे बाद मौत बताई 

आरटी-पीसीआर रिपोर्ट न होने से दो अस्पतालों में पिता को भर्ती नहीं किया गया। शीतल बताती हैं कि किसी तरह अपैक्स हास्पिटल में 21 अप्रैल की दोपहर भर्ती किया गया। यहां पिता की एंटीजन रिपोर्ट पाजिटिव आई। रात को बातचीत के दौरान डा.वैभव गंगवार ने पिता की हालत ठीक बताई। लेकिन चंद घंटे बाद देर रात ही उनकी मौत की सूचना स्वजनों को दी गई।

सुबह न सही फाइल दी, दूसरा शव थमाया 

सुबह स्वजन को काली पालीथिन में सीलबंद शव थमाया गया। लेकिन शारीरिक रूप से काफी कमजोर होने पर स्वजनों को शक हुआ। इस पर शव चेक किया, तो किसी और का निकला। अस्पताल प्रशासन से पिता का शव पूछा तो सबने जानकारी से इनकार कर दिया। सूचना पर इज्जतनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

झाड़ियों में मिले शव के मुंह और नाक पर जमा था खून 

यहां-वहां खोजबीन के दौरान संजय नगर श्मशान घाट की झाड़ियों में पिता की शव उल्टा पड़ा मिला। उनके मुंह और नाक से खून निकला मिला। स्वजन ने अस्पताल पर जाकर विरोध किया तो आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने दुर्व्यवहार किया और मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी कोविड की जगह वायरल निमोनिया दर्ज कर दिया। जबकि पूरा इलाज कोविड वार्ड में हुआ था। यहां कुछ घंटों के अंदर ही डेढ़ लाख रुपये कोविड बेड, दवाई व अन्य जरूरत के आधार पर जमा कराया था।

विधायक की मदद से बेटी ने खोला मोर्चा 

संक्रमित पिता के इलाज में लापरवाही से हुई मौत, इलाज के सबूत मिटाने और शव बदलने के मामले से बेटी शीतल ने बिथरी चैनपुर विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल से मदद मांगी। विधायक ने भी मानवता को शर्मसार करने के मामले में प्रशासन तक शिकायत की। लगातार पैरवी के बाद प्रशासन से एसडीएम सदर विशु राजा ने मामले की जांच की। उन्होंने हाल में अपनी रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ आपदा एवं महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति कर आयुक्त के पास भी रिपोर्ट भेजी। आयुक्त ने जिलाधिकारी से संस्तुति के आधार पर सप्ताह भर में कार्रवाई को कहा। अब सीएमओ स्तर से आरोपित अस्पताल संचालकों के खिलाफ इज्जतनगर थाने में मुकदमा दर्ज किए जाने की तैयारी है।

प्रशासन से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपित अस्पतालों के खिलाफ संबंधित इज्जतनगर थाने में आवश्यक धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसकी जानकारी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को भी भेज दी है।- डा.बलवीर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली


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