एसिड अटैक का दंश झेल रही पीड़िता ने मांगी नौकरी
जागरण संवाददाता, बरेली : एसिड अटैक के बाद से 17 साल से झुलस रहे जिंदगी के जख्मों ने एक पीड़िता को भुख
जागरण संवाददाता, बरेली : एसिड अटैक के बाद से 17 साल से झुलस रहे जिंदगी के जख्मों ने एक पीड़िता को भुखमरी की कगार तक पहुंचा दिया। परिवार ने मुकदमा लड़ा। दोषियों को सजा भी हो गई, लेकिन इस हादसे के बाद से महिला को ठुकरा दिया। दूसरों के घर में काम करके किसी तरह दो वक्त की रोटी मिल पाती है। दंश झेल रही मुन्नी देवी ने डीएम से नौकरी दिलाने की गुहार लगाई है। डीएम ने शासन से मदद दिलाने के लिए जिला रोजगार कार्यालय को प्रकरण भेज दिया है। मामूली विवाद में पड़ोसी ने की थी वारदात
एसिड अटैक की यह पीड़िता नवाबगंज तहसील के क्योलड़िया क्षेत्र में पुरैनिया गांव की मूल निवासी है। पीड़िता के मुताबिक पड़ोस में रामपाल के परिवार से समान्य सी बात पर विवाद हुआ था। रंजिश मानकर 11 अप्रैल 2001 को तेजाब फेंक दिया था। बचाने में पति भी झुलस गए। गंभीर रूप से झुलसने पर उसका इलाज चला। चार साल तक चले मुकदमे के बाद 2005 में पड़ोसी रामपाल, उसकी पत्नी शकुंतला, दिनेश को विशेष न्यायाधीश कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई। मां ही थी आसरा, वह भी चल बसी
आरोप है कि ससुराल में घटना के बाद उसे उपेक्षित कर दिया। तब लखनऊ में अपनी मां के घर में बीमारी और इलाज के दिन गुजारे। अब मां भी चल बसीं। कोई काम तक नहीं देता। किसी तरह घर में काम कर जीवन यापन हो पा रहा। संवेदनशील मामले में डीएम कार्यालय ने रोजगार विभाग को गंभीरता से विचार कर राहत दिलाने को लिखा है।