गड्ढों के जख्म से कराह रही शहर की एक सड़क
शहर की बेहतरीन सड़क, करीब सवा चार सौ मीटर लंबी।
जेएनएन, बरेली : शहर की बेहतरीन सड़क, करीब सवा चार सौ मीटर लंबी। चौड़ाई भी पर्याप्त, करीब डेढ़ सौ मीटर। वाहनों के निकलने में कोई कठिनाई नहीं थी। दो बड़े बाजारों तक थी आसान पहुंच। पैदल चलने में भी मिलता था सुकून। मगर यह क्या.. आदर्श मार्ग बनाने के नाम पर सड़क की शक्ल ही बिगाड़ दी। हम बात कर रहे हैं राजेंद्रनगर में शील चौराहे से लेकर डीडीपुरम चौराहे तक की सड़क की। एक अच्छी-खासी सड़क को साढ़े चार करोड़ रुपये में 'आदर्श मार्ग' बनाना है। काम शुरू भी हो चुका है, लेकिन पूरी तरह अव्यवस्थित और असुरक्षित। नतीजतन स्थानीय लोगों के साथ ही वहां से गुजरने वालों को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। एक साथ कई काम शुरू होने के कारण यह बेहतरीन सड़क इन दिनों खस्ताहाल है।
दोनों तरफ नाला निर्माण और बीच में डिवाइडर का काम एक साथ
आदर्श मार्ग निर्माण करा रही गाजियाबाद की एक फर्म ने सड़क के दोनों ओर नाला निर्माण व बीच में डिवाइडर का काम एक साथ शुरू कर दिया गया है। पूरा काम अव्यवस्थित है। नाले पर स्लैब रखे जा रहे हैं, लेकिन मिट्टंी के ऊंचे ढेर हटाए नहीं जा रहे। मकान इन ढेरों के पीछे से झांक रहे हैं। इतना ही नहीं बिजली के अंडरग्राउंड तार बाहर ही निकले हुए हैं। कई जगह मिट्टंी के ढेर के साथ ही कूड़ा-कचरा और पेड़-पौधे भी पड़े हुए हैं।
बार-बार कट रही पानी की लाइन
सड़क के एक किनारे दो दर्जन से अधिक मकान हैं। दूसरे किनारे पर पीडब्ल्यूडी का दफ्तर व कुछ निजी मकान भी हैं। सड़क चौड़ीकरण के लिए नाली खोदाई के दौरान लोगों के घरों की पाइप लाइन कट रही है। तमाम लोगों ने खुद ही लाइनें जुड़वाई हैं। बावजूद इसके उनमें लीकेज हो रहा है। कई घरों में पानी में मिट्टंी आ रही है। हर वक्त धूल के गुबार उठ रहे हैं। घरों में धूल भर रही है और सांस की दिक्कत लोगों को होने लगी है। धन के दुरुपयोग की हुई थी शिकायत
रेलवे जंक्शन की लोको कॉलोनी निवासी सत्यवीर सिंह ने निर्माणाधीन आदर्श सड़क को औचित्यहीन और सरकारी धन का दुरुपयोग करने वाला बताकर जुलाई में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी। उन्होंने आदर्श सड़क के नाम पर उसी रोड पर प्रस्तावित मॉल को पार्किग की जगह उपलब्ध कराने के षड्यंत्र का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की भी मांग की थी। इस पर कमिश्नर ने टीएसी जांच कराई। जांच पूरी कर कुछ दिन पहले ही रिपोर्ट कमिश्नर के पास पहुंच गई है। 60 लाख में तीन साल पहले ही हुआ था चौड़ीकरण
नगर निगम ने करीब तीन साल पहले इस सड़क का करीब 60 लाख रुपये खर्च कर चौड़ीकरण किया था। बीच में डिवाइडर छोड़ दिए गए, जिसे एक एजेंसी को बनाना था। एजेंसी वाले को ही नगर निगम ने विज्ञापन का काम दिया था। बातचीत-----
बढ़ गई लोगों की परेशानी
नाला निर्माण के चलते पानी की लाइन तोड़ दी गई। खुद सही करानी पड़ी, लेकिन तब से अक्सर उसमें फॉल्ट हो रहे हैं। मिट्टंी व कूड़े के ढेर नहीं उठ रहे हैं।
- पल्लवी यादव, गृहणी कायदे में इन्हें पहले सर्विस लेन बनानी चाहिए थी। एक साथ डिवाइडर और दोनों ओर नाला निर्माण शुरू करवा दिया। वैसे सड़क चौड़ी करने की अभी जरूरत नहीं थी।
- प्रदीप मेहरा, मेहरोत्रा टेलर्स घर के बाहर मिट्टंी के ढेर लगे हैं। उन्हें उठाया नहीं जा रहा। मिट्टंी उड़कर घर में घुस रही है। सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। पानी में भी मिट्टंी आ रही है।
- रोहित गुप्ता, व्यापारी काम काफी धीमा चल रहा है, व्यवस्थित भी नहीं है। एक साथ काम शुरू करने से ज्यादा परेशानी हो रही है। फिलहाल सड़क चौड़ी करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन भविष्य में जरूरी होगी।
- विनोद ग्रोवर, व्यापारी