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Malaria outbreak : बरेली मंडल में पाए गए उत्तर प्रदेश के 73 फीसद मरीज, करीब 75 हजार लोगों में मलेरिया की पुष्टि Bareilly News

पिछले साल मंडल में कई मौतों की वजह बने मलेरिया पर इस बार भी काबू नहीं पाया जा सका। प्रदेश के 73 फीसद मरीज सिर्फ बरेली मंडल में ही पाए गए हैं। 75 हजार लोग इससे पीड़ित है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 12:40 PM (IST)
Malaria outbreak : बरेली मंडल में पाए गए उत्तर प्रदेश के 73 फीसद मरीज, करीब 75 हजार लोगों में मलेरिया की पुष्टि Bareilly News
Malaria outbreak : बरेली मंडल में पाए गए उत्तर प्रदेश के 73 फीसद मरीज, करीब 75 हजार लोगों में मलेरिया की पुष्टि Bareilly News

अशोक आर्य, बरेली : पिछले साल मंडल में कई मौतों की वजह बने मलेरिया पर इस बार भी काबू नहीं पाया जा सका। हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के 73 फीसद मरीज तो सिर्फ बरेली मंडल में ही पाए गए हैं। मलेरिया विभाग के आंकड़े जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।

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प्रदेश में मलेरिया के सितंबर 2019 तक के आंकड़ों पर गौर करें तो 74749 मरीज सामने आए। इनमें सबसे अधिक बरेली मंडल के दो जिलों में हैैं। बरेली जिले में मलेरिया की गिरफ्त में 37824 मरीज मिले, वहीं बदायूं में अब तक 16824 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि हो चुकी है। यह आंकड़े संयुक्त निदेशक (मलेरिया) के कार्यालय से जारी किए हैं।

पिछले साल से अधिक मरीज

बरेली मंडल में मरीजों की जो संख्या इस बार सामने आई है वह वर्ष 2018 में सितंबर तक आए मरीजों की संख्या से करीब तीस हजार अधिक हैैं। पिछले साल बरेली मंडल में प्रदेश भर के 79 फीसद मलेरिया के मरीज मिले थे।

पूर्व के दो वर्षों से अधिक निकले मरीज

मंडल के दोनों जिलों में इस बार सितंबर तक 54 हजार से अधिक मलेरिया के मरीज निकले हैैं। ये पूर्व के दो वर्षों में प्रदेश में सामने आए मलेरिया के रोगियों की संख्या की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। वर्ष 2016 में प्रदेश में 40790 मलेरिया के मरीज मिले थे। उसके बाद वर्ष 2017 में प्रदेश में यह संख्या 32342 रह गई।

बीमारी ने ध्वस्त की स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां

पिछले साल जब मंडल में मलेरिया फैला तो स्वास्थ्य विभाग ने दो दर्जन मौतें होने की बात स्वीकारी थी। हालांकि तीन दर्जन से ज्यादा प्रभावित गांव के लोगों का कहना था कि दो सौ लोगों की मौत मलेरिया से हुई। जिसके बाद प्रदेश व केंद्र सरकार से टीमें गावों की ओर दौड़ी थीं। उपचार व बचाव के इंतजाम किए गए थे। ऐसे हालात दोबारा न बने इसके लिए डीडीटी का छिड़काव, गांवों में एंटी लार्वा छिड़काव व मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग के दावे खूब हुए मगर बीमारी फिर भी फैल गई।

प्रदेश में मलेरिया की स्थिति

वर्ष 2018 (सितंबर तक) - प्रदेश - बरेली - बदायूं

मलेरिया की जांच - 3510648 - 64202 - 53620

मलेरिया पुष्टि - 33580 - 14018 - 2664

पीवी (प्लाज्मोडियम वाइवेक्स) - 26318 - 6953 - 2573

पीएफ (प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम) - 7262 - 7065 - 91

वर्ष 2019 (सितंबर तक) - प्रदेश - बरेली - बदायूं

मलेरिया की जांच - 4174230 - 189788 - 119618

मलेरिया पुष्टि - 74749 - 37824 - 16824

पीवी (प्लाज्मोडियम वाइवेक्स) - 65059 - 29767 - 15273

पीएफ (प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम) - 9690 - 8057 - 1551

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विभाग के अफसर

स्वास्थ्य विभाग का सर्विलांस तीन गुना बढ़ा है। हमारा यह ध्येय भी है कि अधिक मरीजों को तलाशना और उन्हें उपचार देना। इसलिए पिछले साल की अपेक्षा तीन गुना अधिक मरीजों की जांच की गई है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया क्लीनिक खोले गए हैं।

डॉ. अवधेश यादव, संयुक्त निदेशक (मलेरिया)

इस बार मलेरिया से कोई मौत नहीं हुई है। आशाओं ने घर-घर भेजकर मरीजों को तलाशा। इसलिए पहले से अधिक मरीज सामने आए हैं। उसकी रोकथाम के उपचार दिए गए।

-डॉ. राकेश दुबे, अपर निदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण  


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