दिमाग पर हॉवी न होने दे कोरोना, हौंसले से 570 बुजुर्गो ने जीती कोरोना से जंग
कोरोना संक्रमितों के अवसाद में जाने के मामले भी सामने आने लगे। बीते दिनों सपा नेता रमन जौहरी ने अस्पताल से भागकर आत्महत्या कर ली थी।
बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमितों के अवसाद में जाने के मामले भी सामने आने लगे। बीते दिनों सपा नेता रमन जौहरी ने अस्पताल से भागकर आत्महत्या कर ली थी। चार अन्य मरीज भी कोविड अस्पताल में अजीब हरकतें करने लगे तो मनोचिकित्सक को दिखाया गया। पता चला कि वे अवसाद में हैं। उनकी काउंसिलिंग कराई गई तो वह ठीक हो गए। इसी तरह करीब 570 बुजुर्ग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं, जिन्हें संक्रमण से सबसे अधिक खतरा माना जाता है। जिले में करीब सात हजार कुल जबकि 1729 सक्रिय संक्रमित हैं। यहां 150 मौतें हो चुकीं। एक लाख 17 हजार जांचें हो चुकी हैं।
अजीब अजीब करने लगते हरकतें
सपा नेता ने दे दी जान : कोविड एल-3 अस्पताल में भर्ती सपा नेता ने ओवरब्रिज से कूद कर अपनी जान दे दी। एसीएमओ डा. रंजन गौतम ने मामले की जांच की तो पता चला कि वह संक्रमित होने के बाद से डिप्रेशन में थे। मनोचिकित्सक से उनका उपचार भी कराया जा रहा था। वह लगातार अपनी बीमारी को लेर चिंता जताते थे। कहते थे कि वह अब ठीक नहीं होंगे। जिस दिन वह अस्पताल से निकले उसी दिन वह छत की ओर भी गए थे।
अन्न वस्त्र त्याग दो : शहर के कोविड एल-2 अस्पताल में भर्ती संक्रमित दो दिन भर्ती रहने के बाद परेशान हो गया। कहने लगा अब बचना नहीं है। वह अन्न वस्त्र त्यागने की बात कहने लगा और एक दिन बिना कपड़ों के ही वार्ड में घूमने लगा। इस पर उसे संतुलित किया गया और तीन दिन तक लगातार मनोचिकित्सक से उनकी बात कराई गई। इसके बाद उसकी स्थिति ठीक हुई और अब वह स्वस्थ है।
वीडियो कॉल से कराते बात संक्रमित व्यक्ति की मनोदशा बिगड़ने की स्थिति को देखते हुए कोविड अस्पतालों ने मनोचिकित्सक को हॉयर कर लिया है। डिप्रेशन में जाने वाले लोगों की वीडियो कॉल के जरिए बात कराई जाती है। अस्पताल का स्टाफ पीपीई किट पहनकर संक्रमित तक जाते हैं। इसके बाद मनोचिकित्सक से बात कराई जाती है। इसी तरह मरीज के स्वजनो से भी बात कराई जाती है। जिससे वह सकारात्मक विचार दे सकें।
लड़ेंगे तभी तो जीतेंगे
सुभाष नगर निवासी 74 वर्षीय विष्णु कुमार सक्सेना ने बताया कि समय-समय पर डाक्टर बात करते हैं। उनके बताए अनुसार रहें तो संक्रमण कुछ नहीं कर सकता। बस एहतियात बरतने की जरूरत है।
बडा़ बाजार निवासी 70 वर्षीय राम प्रकाश रस्तोगी ने बताया कि उनके परिवार के कई लोग संक्रमित हुए थे। सभी ने संयमित होकर नियमों का पालन किया, जिससे अब सभी स्वस्थ हैं।
बड़ा बाजार निवासी 35 वर्षीय सचिन का कहना है कि वार्ड में आसपास कई मरीजों को देखकर घबराहट होती है, लेकिन दवा, काढ़ा और गर्म पानी पीकर ही ठीक हो गए। घबराना नहीं चाहिए।
सभी कोविड अस्पतालों को मरीजों से संवाद करने को कहा गया है। संक्रमितों की काउंसलिंग प्रतिदिन की जाए इसके निर्देश दिए गए है। जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक से भी मरीज की बात कराई जा रही है। मरीजों और उनके स्वजनों का टेलीफोनिक संवाद भी कराया जा रहा है। - डा. रंजन गौतम, जिला सिर्वलांस अधिकारी