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बरेली में कानपुर विकास प्राधिकरण में नौकरी दिलवाने के नाम पर 38 लाख की ठगी

300 बेड अस्पताल में नौकरी दिलवाने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये ठगी के मामले के बाद कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में नौकरी दिलवाने के लिए 38 लाख रुपये ठग लिए गए। ऐसा ही मामला सामने आया है। चार आरोपितों ने तीन लोगों से 38 लाख रुपये ठग लिए।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 05:10 PM (IST)
बरेली में कानपुर विकास प्राधिकरण में नौकरी दिलवाने के नाम पर 38 लाख की ठगी
इज्जतनगर के भीमनगर कॉलोनी के रहने वाले पीड़ित हरिपाल सिंह योगा सेंटर चलाते हैं।

 बरेली, जेएनएन।  300 बेड अस्पताल में नौकरी दिलवाने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये ठगी के मामले के बाद कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में नौकरी दिलवाने के लिए 38 लाख रुपये ठग लिए गए। ऐसा ही मामला सामने आया है। केडीए में क्लर्क पद पर नौकरी दिलवाने के लिए चार आरोपितों ने तीन लोगों से 38 लाख रुपये ठग लिए। यही नहीं बरेली विकास प्राधिकरण में टेंडर दिलाने के नाम पर भी ठगी की गई। पीड़ित ने मुख्यमंत्री से मिलकर पूरा वाक्या बताया जिसके बाद डीजीपी के आदेश पर इज्जतनगर पुलिस ने कानपुर के न्यू पीएसी लाइन तुलसी नगर के रहने वाले अनुराग चतुर्वेदी एवं दयाशंकर पांडे, पीयूष शर्मा व शिवपूजन दुबे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

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इज्जतनगर के भीमनगर कॉलोनी के रहने वाले पीड़ित हरिपाल सिंह योगा सेंटर चलाते हैं। बताया कि योगा सेंटर से आरोपित अनुराग चतुर्वेदी से संपर्क हुआ। बातचीत होने लगी, एक दिन अनुराग ने कहा कि मेरी मां विभा चतुर्वेदी कानपुर विकास प्राधिकरण में बड़ी अधिकारी हैं। इसके साथ ही पत्नी इंदु कमल भी केडीए में ही सीनियर क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। इसके चलते भाई आलोक तिवारी की केडीए में अच्छी पहुंच है। अनुराग ने हरिपाल को दयाशंकर पांडेय से मिलवाया। उसने बताया कि केडीए व गाजियाबाद विकास प्रधिकरण में कुछ जगह नौकरी के लिए खाली है। केडीए में क्लर्क पद पर भर्ती करा दी जाएगी। प्रत्येक पद के लिए 11 लाख रुपये का खर्च आएगा। साक्षात्कार के जरिए भर्ती की बात बताई। भरोसा दिलाने के लिए मां व पत्नी से बात कराई। शिवपूजन दुबे व पीयूष शर्मा से मुलाकात कराई। ठगों के जाल में पीड़ित इस तरह फंसा की खुद की नौकरी के साथ पत्नी दीक्षा व एक परिचित महेंद्र कुमार की नौकरी की बात तय कर ली। सबसे पहले पीड़ित ने एडवांस के रूप में चार लाख रुपये दे दिए। इसके बाद धीरे-धीरे कर तीस लाख रुपये दे दिए। इसके बाद आरोपितों ने बरेली विकास प्राधिकरण में टेंडर दिलवाने के लिए भी आठ लाख रुपये ठग लिए।

15 अगस्त को निकल गई भर्ती की आयु

पीड़ित को ठगी का अंदेशा तब हुआ जब उसकी भर्ती की आयु निकल गई। पीड़ित ने आरोपितों से कहा कि 15 अगस्त 2020 को वह 45 वर्ष का हो जाएगा, इसके बाद तो नौकरी भी नहीं मिलेगी। इस पर ठगों ने उसे पहले नौकरी दिलवाने की बात कही। आयु निकल जाने के बाद भी भर्ती न होने पर पीड़ित को ठगी होने का पता चला। रकम वापसी की मांग पर आरोपित जान से मारने की धमकी देने लगे।

आत्महत्या के अलावा नहीं बचा है विकल्प

पीड़ित का कहना है कि रिश्तदाराें, परिचितों से लेकर उसने रकम का प्रबंध किया। उसका सब कुछ बिक गया है। कर्ज तले दब गया है। लिहाजा, आत्महत्या के सिवाय अब कोई विकल्प नहीं बचा है। कहा कि यदि न्याय नहीं मिलता है तो मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष पेश होकर स्वजन सहित आत्महत्या करुंगा। इसके अलावा कोई चारा नहीं बचा है।


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