सड़क व सफाई में नगर निगम खर्च करेगा 29 करोड़ रुपये
कमिश्नरी सभागार में बुधवार को कमिश्नर रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में 14वें वित्त आयोग और अवस्थापना दिवस की बैठक हुई।
जेएनएन, बरेली : कमिश्नरी सभागार में बुधवार को कमिश्नर रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में 14वें वित्त आयोग और अवस्थापना निधि की बैठक हुई। इसमें शहर के विकास के कार्यो पर मुहर लगी। नगर निगम ने सड़क, नाले व नालियों के निर्माण के करीब सवा दो सौ प्रस्ताव रखे थे। कमिश्नर ने सड़क व नाली निर्माण के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए।
बिना नालियों के कोई भी सड़क नहीं बनाने को कहा। बरसात से पहले सड़कें दुरुस्त करने व बूथों की सड़कों को सुधारने के निर्देश भी दिए। इस दौरान महापौर डॉ. उमेश गौतम, डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह, नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन, मुख्य अभियंता एसके अंबेड़कर आदि मौजूद रहे।
कमिश्नर ने प्रस्तावों की समीक्षा की
नगर निगम की ओर से लगाए गए विकास कार्यो के प्रस्तावों की कमिश्नर ने समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सीसी रोड से नाली का काम अलग से किया जाए। बिना नाली सड़क नहीं बने। सड़कों का काम नहीं रुकने और तेजी से पूरे कराने को कहा। जलभराव वाले क्षेत्रों में प्राथमिकता से काम कराने के निर्देश दिए।
बोले, जल निकासी की व्यवस्था समय से कर लें। पार्को के सुंदरीकरण को भी कहा। प्रकाश मार्ग में कनेक्शनों का काम प्राथमिकता से कराने को कहा। उन्होंने सभी बूथों की सड़क दुरुस्त करने के निर्देश दिए। परसाखेड़ा में ईवीएम गोदाम के पास रोड बनाने का प्रस्ताव इन्हीं कार्यो में रखने के निर्देश दिए।
सड़क, नाले-नालियों के होंगे 216 काम
शासन ने 14वें वित्त आयोग के तहत 22.77 करोड़ व अवस्थापना निधि में 5.76 करोड़ की रकम जारी की थी। इस पर नगर निगम ने सड़क, नाले व नालियों के निर्माण के 216 कामों के प्रस्ताव बनाए हैं। 14वें वित्त में जल निकासी, सड़क निर्माण आदि के लिए 22.77 करोड़ रखा है। अवस्थापना निधि से सड़क, नाली, नाला निर्माण को 5.76 करोड़ के प्रस्ताव मंजूर हुए हैं।
मार्ग प्रकाश को बिजली कनेक्शन को 50 लाख
नगर निगम ने अपने प्रस्ताव में पथ प्रकाश व्यवस्था के लिए बिजली के कनेक्शनों के लिए वाय¨रग व मीट¨रग आदि स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये की धनराशि रखी है।
एक प्रस्ताव निरस्त
वार्ड 30 स्वालेनगर में कुंवरपाल के मकान से विशन पाल के मकान तक नाली व सीसी टाइल निर्माण का करीब 5.48 लाख का प्रस्ताव निरस्त किया गया। यह कार्य पूर्व में स्वीकृत कार्यवृत्त में टाइपिंग की गलती से अंकित हो गया था।