गंदी मत करना रामगंगा, 24 घंटे होगी निगरानी
जागरण संवाददाता, बरेली : सफाई का एलान हुए चार साल गुजरने को हैं, गंगा गंदगी से पार नहीं पा सकी
जागरण संवाददाता, बरेली : सफाई का एलान हुए चार साल गुजरने को हैं, गंगा गंदगी से पार नहीं पा सकी। उसका दामन मैला का मैला ही है। स्थिति दिन ब दिन और बदतर हो रही है। दरअसल, दिक्कत सिर्फ गंगा में बहाई जा रही गंदगी नहीं है। उसकी सहायक नदियां भी बड़े पैमाने पर कचरा, केमिकल और अन्य खतरनाक अवशेष लेकर उसमें समाहित हो रही हैं। इसी स्थिति को भांपकर नमामि गंगे योजना के तहत अब सहायक नदियों की निगरानी भी बढ़ाई जा रही है। रामगंगा की धारा उन्हीं में प्रमुख है, जिसमें गंदगी फैलाने वालों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 24 घंटे निगाह रखेगा। इसके लिए ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जा रहा है।
चौबारी के पास लगेगा ऑनलाइन सिस्टम
गुरुवार को बोर्ड के अधिकारियों ने रामगंगा नदी का स्थलीय निरीक्षण किया। तय हुआ कि नदी पर चौबारी में बैराज के पास ऑनलाइन सिस्टम लगाया जाएगा। डिवाइस से इकट्ठा किया गया डाटा स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इकाई के साथ ही सीधे दिल्ली स्थित केंद्रीय दफ्तर में भी दर्ज होगा। आंकड़ों से जाना जाएगा कि आखिर रामगंगा किस समय और कहां ज्यादा प्रदूषित हो रही है। अभी तक हफ्ते में सैंपलिंग की व्यवस्था थी।
कपूरपुर में आते नाला बन जाती रामगंगा
रामपुर के रास्ते कपूरपुर मीरगंज से रामगंगा जिले की सरहद में प्रवेश करती है। यहां पूर्व में लिए गए सैंपल से पता चला कि पानी का कलर ही पूरी तरह बदल गया। पीएच वैल्यू भी ज्यादा और ऑक्सीजन की मात्रा कम मिली।
सहायक नदियों के भरोसे सफाई
पूर्व में लिए गए सैंपल से सामने आया है कि मुरादाबाद होते हुए रामपुर के रास्ते बरेली तक रामगंगा गंगा ज्यादा दूषित रहती है। जिले में देवरनिया, भाखड़ा, किच्छा, नकटिया, ईस्ट बैगुल, वेस्ट बैगुल समेत अन्य नदियां बरेली में रामगंगा में समावेशित होकर इसे साफ करती हैं। वह भी तब जबकि शहर में सीवरेज व्यवस्था न होने से दूषित जल सीधे रामगंगा में ही गिरता है।