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बर्ड फ्लू की दहशत से जिले के 14 पोल्ट्री फार्म बंद

अब तक जिले में किसी पक्षी में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन पड़ोसी जनपदों में इसका असर दिखाई दे रहा है। इसके चलते ही जिले में कम दाम में ही मुर्गियां बेचकर संचालकों ने पोल्ट्री फार्म बंद कर दिए हैं।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 01:27 PM (IST)
बर्ड फ्लू की दहशत से जिले के 14 पोल्ट्री फार्म बंद
कोरोना काल में भी पोल्ट्री फार्म का धंधा काफी हद तक टूट गया था।

बरेली, जेएनएन। अब तक जिले में किसी पक्षी में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पड़ोसी जनपदों में इसका असर दिखाई दे रहा है। इसके चलते ही जिले में कम दाम में ही मुर्गियां बेचकर संचालकों ने पोल्ट्री फार्म बंद कर दिए हैं। जिले के रिठौरा, आंवला, अलीगंज, आलमपुर जाफराबाद और बिथरी क्षेत्र में संचालित करीब 14 पोल्ट्री फार्म पर ताला लग गया है। इसके चलते कारोबारी निराश हैं।
कोरोना काल में भी पोल्ट्री फार्म का धंधा काफी हद तक टूट गया था। कई फार्म बंद भी हो गए थे। अब पोल्ट्री उद्योग उबर ही रहा था कि बर्ड फ्लू उसके लिए ग्रहण बन गया। पड़ोसी जिले पीलीभीत में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद उस पोल्ट्री फार्म समेत अन्य फार्म के सभी पक्षियों को मारने के आदेश दिए गए। इससे जिले के पोल्ट्री फार्म संचालक भी चिंतित हैैं। बिथरी क्षेत्र के एक पोल्ट्री फार्म संचालक ने बताया कि कोरोना काल के पांच महीने खासे नुकसान में रहे। बीते तीन महीनों में इससे उबरने लगे थे लेकिन अब उम्मीद टूट गई है। बताया कि जो मुर्गियां हैं, उन्हें पांच से दस रुपये कम दाम में बेच दिया है।
जिले में कुक्कुट योजना के तहत चल रहे तीन पोल्ट्री फार्म समेत कुल 137 फार्म हैं। इनमें से सर्दी आने पर दिसंबर के अंतिम माह में करीब सात पोल्ट्री फार्म बंद हो गए थे। इसके अलावा अब 14 और पोल्ट्री फार्म बंद हो गए हैं। इनमें रिठौरा में दो, आंवला में एक, बिथरीचैनपुर में एक, आलमपुर जाफराबाद में एक, अलीगंज का एक पोल्ट्री फार्म शामिल है। इसके पीछे दूसरे प्रदेशों और जिलों से मुर्गियों के लाने ले जाने पर लगी रोक भी बड़ी वजह बताई जा रही है।
 
लॉकडाउन में हुआ था बीस लाख का घाटा
कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में दो माह पूरी तरह बाजार बंद रहा। ऐसे में पोल्ट्री फार्म का काम पूरी तरह ठप रहा। इसके चलते कारोबारियों का करीब बीस लाख का घाटा हुआ था। उस समय कई फार्म बंद हुए थे, लेकिन अगस्त के बाद वह पुन: संचालित होने लगे थे। कारोबारी बताते हैं कि अगर बर्ड फ्लू के बादल जल्द न छंटे तो आने वाले समय में यह धंधा करना मुश्किल हो जाएगा।

क्या कहना है मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. ललित कुमार वर्मा का कहना है कि बर्ड फ्लू की पुष्टि के लिए पोल्ट्री फार्मों से लगातार सैंपल लेकर भेजे जा रहे हैं। अब तक 290 सैंपल जांच को भेजे जा चुके, लेकिन किसी में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पशु अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में लगातार भ्रमण पर हैं। कई पोल्ट्री फार्म बंद भी मिले हैं।
 

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