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ओवरहेड टैंकों से जलापूर्ति की जुगत शुरू

-खबर का असर- - चौखंडी पहुंचे डीपीआरओ ने की पानी टंकी की जांच - मंगलवार के अंक में प्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Mar 2018 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 13 Mar 2018 07:50 PM (IST)
ओवरहेड टैंकों से जलापूर्ति की जुगत शुरू
ओवरहेड टैंकों से जलापूर्ति की जुगत शुरू

-खबर का असर-

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- चौखंडी पहुंचे डीपीआरओ ने की पानी टंकी की जांच

- मंगलवार के अंक में प्रकाशित हुई थी खबर

- डीपीआरओ ने कहा कि हैंडओवर लेते समय नहीं दिया ध्यान

जागरण टीम, बाराबंकी : सिरौलीगौसपुर के चौखंडी में पानी की टंकी बीते कई वर्षों से बंद पड़ी है। जिससे ग्रामीणों को पेयजल मुहैया नहीं हो पा रहा है। इसको लेकर दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में 'ग्रामीणों के लिए शुद्ध पेयजल आपूर्ति बना सपना' शीर्षक से छपने के बाद डीपीआरओ ने ग्राम पंचायत चौखंडी पहुंचकर जांच की।

जांच में पाया कि पाइप लाइन ध्वस्त है। टंकी बंद पड़ी है। ग्राम प्रधान से टंकी को संचालित करने के लिए अगले वित्तीय वर्ष में कार्ययोजना में शामिल कर ठीक कराने का निर्देश दिया। प्रभारी डीपीआरओ अनिल कुमार श्रीवास्ताव मानते हैं कि ओवरहेड टैंक के हैंडओवर में यदि सक्रियता बरती गई होती तो शायद पानी की टंकी बंद होने की नौबत न आती। चूंकि अब ग्राम पंचायतों के हैंडओवर लेने के बाद पाइप लाइन खराब हुई है तो ग्राम पंचायतों को पानी की टंकी ठीक करानी होगी।

सचिव ने बीडीओ को सौंपी आख्या

पोखरा : भड़खोरिया मजरे लाही में बनी पानी की टंकी में जिले से जांच के लिए खंड विकास अधिकारी त्रिवेदीगंज के नाम आई थी। जिसमें प्रधान कंचन लता व सिक्रेटरी मोहित ने अपनी आख्या बीडीओ को दी है कि सभी मजरों में पाइप नहीं डाली गई थी। जो पाइप डाली गई थी वह घटिया है। जिससे टंकी नहीं चल पाई।

खबर के बाद बनाई जानी लगी रिपोर्ट

¨नदूरा : ग्राम पंचायत मौहसंड व ओदार की पानी की टंकी पर सात मार्च को पेयजल परियोजना की बदतर जमीनी हकीकत शीर्षक से प्रकाशित खबर प्रकाशित हुई थी। जिले से जांच से खंड विकास अधिकारी के नाम आयी थी। जिसमें सहायक विकास अधिकारी ने जांच कर अपनी आख्या दी है कि मोहसंड में जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, वर्तमान में चोक व क्षतिग्रस्त है। मोटर व स्टार्टर के काई पार्ट चोरी हो गए है।

बिजली बिल की पड़ताल शुरू सतरिख : बंकी ब्लॉक के मजीठा गांव में अधूरी पेयजल परियोजना के पूर्ण होने की उम्मीदें जाग उठी हैं। निर्माण कराने वाली संस्था अपने गांव में कर्मचारी भेजकर यह जानने का प्रयास किया है कि बिजली का बिल कितने रुपये का आया है। प्रधान कमला देवी से आग्रह किया है कि जब बिजली का बिल आएगा तो इसकी जानकारी मुझे दीजिएगा। मजीठा में जैसे तैसे पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन चार गांव में अभी तक पाइप लाइन नहीं बिछाई जा सकी है। ग्रामीण हैंडपंपों का दूषित पानी पीने को विवश हैं दैनिक जागरण ने चार दिन पूर्व पेयजल परियोजना अधूरी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।


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