पुलिस बनकर बॉयोमीट्रिक से ठगने वाले दो जालसाज गिरफ्तार
बाराबंकी पुलिस बनकर लोगों के मुकदमे व चालान समाप्त कराने के बहाने बॉयोमीट्रिक कराकर
बाराबंकी : पुलिस बनकर लोगों के मुकदमे व चालान समाप्त कराने के बहाने बॉयोमीट्रिक कराकर खाते से रुपये ट्रांसफर करने वाले गिरोह को दरियाबाद पुलिस ने पकड़ा है। कई जिलों में इसी प्रकार पुलिस बनकर ठगी करने के आरोपितों में एक पूर्व बैंकमित्र और दूसरा जनसेवा केंद्र संचालक भी शामिल है।
एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि पकड़े गए आरोपित फर्जी पुलिसकर्मी बनकर कोरोना काल में हुए चालान व मुकदमा को समाप्त कराने के नाम पर ठगी करते थे। एएसपी मनोज पांडेय और सीओ दिनेश सिंह के नेतृत्व में दो आरोपित पकड़े गए हैं। इसमें टिकैतनगर के अरसंडा गांव का पूर्व बैंकमित्र श्यामबाबू और दरियाबाद के मियागंज का जनसेवा केंद्र संचालक आकाश वर्मा शामिल है। आरोपित के पास से लैपटाप, चार मोबाइल सेट, तीन बॉयोमीट्रिक मशीन, एक एटीएम स्वैप मशीन, तीन पुलिस के फर्जी परिचय पत्र और बाइक सहित 6850 रुपये बरामद हुए हैं। यह लोग टिकैतनगर के अलावा बहराइच और गोंडा में भी ठगी करते थे।
ऐसे करते थे ठगी : पुलिस की हनक दिखाकर आरोपित पॉस मशीन पर अंगूठा लगवा लेते थे। इसके बाद जनसेवा केंद्र में उसका इस्तेमाल कर व खाते से रुपये निकाल लेते थे अथवा ट्रांसफर कर लेते थे। वहीं, एटीएम कार्ड स्वैप कराकर भी रुपये ले लेते थे। पूर्व बैंकमित्र और जनसेवा केंद्र संचालक होने के कारण दोनों को इसकी पूरी जानकारी थी।
यह हुए शिकार : 17 दिसंबर को दरियाबाद के मियागंज के मुख्तार अहमद से 30 हजार रुपये, कुशफर गांव के अखिलेश से 5300 व 21 दिसंबर को मियागंज के ही गयासुद्दीन के खाते से 7500 रुपये चालान के नाम पर ठगे गए थे। एसपी ने दरियाबाद कोतवाल सुमित श्रीवास्तव, एसएसआइ योगेंद्र मिश्रा, एसआइ धर्मेंद्र शुक्ला, सिपाही अखिलेश दुबे व अजय यादव की सराहना की है।