टिड्डी दल को लेकर प्रशासन सजग
पाकिस्तान से भारत पहुंच चुके टिड्डी दल को लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
बाराबंकी: पाकिस्तान से राजस्थान और पंजाब तक पहुंचे टिड्डी दल के प्रकोप से फसलों को बचाने के लिए प्रशासन यहां भी सजग हुआ है।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रीति किरण बाजपेई ने टिड्डी दल से होने वाले नुकसान का आभास कराते हुए बताया कि हालांकि टिड्डी दल अभी जिले से बहुत दूर है। फिर भी यदि टिड्डी दल कहीं दिख जाए तो किसान उनके मोबाइल नंबर 9450904333 पर अवगत कराएं। नाशी जीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ के फोन नंबर 0522-2732063 एवं ईमेल आईपीएमयूपीएनआइसी डॉट इन पर सूचित करें ताकि प्रशिक्षित व्यक्तियों व समुचित यंत्रों के माध्यम से इन पर नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि टिड्डी दल को भगाने के लिए आवाज करना भी लाभदायक है। जैसे डिब्बा और थाली बजाना व शोर मचाने पर ये भागते हैं। टिड्डी दल शाम को किसी न किसी पेड़-पौधे पर एकत्र होकर दिन निकलने तक आश्रय लेते हैं। बलुई मिट्टी टिड्डी दल के प्रजनन एवं अंडे देने के लिए अनुकूल होती है। इसलिए इनका आक्रमण ऐसी मिट्टी वाले क्षेत्रों में अधिक देखा जाता है। किसान खेतों की सिचाई कर पानी भर दें तो इनका प्रकोप कम हो जाता है। टिड्डी दल के प्रकोप की दशा में किसान एक साथ मिलकर क्लोरोपाइरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी की 1.25 लीटर या क्लोरोपाइरीफॉस 50 प्रतिशत के साथ साइपरमेथ्रीन की 500 एमएल अथवा लैम्डासाइहैलोथ्रिन 5 प्रतिशत की 500 एमएल मात्रा को पांच से छह सौ लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। रसायन मैलाथियान 96 प्रतिशत यूएलवी का छिड़काव भी अत्यंत प्रभावी होता है।