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मतदान केंद्र पर छह से अधिक बूथ होने पर बनेगा अतिरिक्त केंद्र

पंचायत चुनाव को आसान बनाने के लिए मतदान केंद्र बढ़ाए जाएंगे। अभी तक जिले में 3923 मतदान स्थल थे। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ऐसे मतदान केंद्रों को चिन्हित कराया जहां पर छह बूथ से अधिक थे। वहां पर एक अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 12:14 AM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 12:14 AM (IST)
मतदान केंद्र पर छह से अधिक बूथ होने पर बनेगा अतिरिक्त केंद्र
मतदान केंद्र पर छह से अधिक बूथ होने पर बनेगा अतिरिक्त केंद्र

बाराबंकी : पंचायत चुनाव को आसान बनाने के लिए मतदान केंद्र बढ़ाए जाएंगे। अभी तक जिले में 3923 मतदान स्थल थे। चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने ऐसे मतदान केंद्रों को चिन्हित कराया, जहां पर छह बूथ से अधिक थे। वहां पर एक अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाया जाएगा। 22 मतदान केंद्रों पर छह से अधिक बूथ पाए गए हैं। वहां पर अब अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

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चुनाव आयोग के निर्देश पर जिस मतदान केंद्र पर छह से ज्यादा बूथ हैं, वहां पर अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जिले में 22 स्थानों को चिन्हित किया गया है। यहां पर अतिरिक्त मतदान केंद्र बढ़ाए जाएंगे। अभी बूथ बनाने का कार्य चल रहा है, अभी और मतदान स्थल बढ़ेंगे। जो चिन्हित किए गए हैं, उसमें रामनगर ब्लॉक के बड़नपुर में आठ बूथ बनाए गए हैं। सआदतगंज में आठ, सूरतगंज के प्राथमिक विद्यालय में सात, जागृति उप्रावि में आठ, बंकी के शहावपुर में सात, हरख के इब्राहिमाबाद में आठ, दरियाबाद के गाजीपुर में सात, हैदरगढ़ के चौबीसी में सात, त्रिवेदीगंज के जौराम में आठ, पोखरा में नौ, रामनगर में सात, लाखी में आठ, त्रिवेदीगंज में नौ, सिद्धौर के जरगावां में सात, पडऱावा में सात व मीरापुर में सात बूथ हैं। यहां पर अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाया जाएगा। इसी क्रम में रामनगर के शाहपुर के निवासी शोरबहादुर ने बताया कि कच्चे मकानों के बीच बूथ बना है, जो चुनाव के दौरान खतरा बना सकता है। ऐसे में बूथ को बदलने की मांग की गई थी, लेकिन कुछ लोग बूथ को बदलने नहीं दे रहे हैं। शेरबहादुर ने एसडीएम से शिकायत की है।

इनसेट : आईं 59 हजार आपत्तियां, बनेंगी चुनौती

मतदाता पुनरीक्षण में 59 हजार आपत्तियां आई है। इनका निस्तारण अब प्रशासन के लिए चुनौती होगी। इसमें फर्जी नाम जोड़ने और मृतकों के नाम डिलीट न करने तथा सही नाम हटाने की शिकायतें हैं। हर बूथ पर शिकायतें हैं और तहसील व बीएलओ पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप भी हैं।


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