तेवई व नकटौली झील को भी मनरेगा से मिलेगा प्राकृतिक स्वरूप
भगहर झील की तर्ज पर सुंदरीकरण की योजनाजल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
बाराबंकी: किरकिची झील का मनरेगा से पुनरोद्धार की कार्ययोजना बनाने के बाद अब तहसील प्रशासन क्षेत्र की अन्य झीलों का भी मनरेगा से प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने की कोशिश में जुट गया है। फतेहपुर ब्लॉक क्षेत्र की तेवई झील व नकटौली झील की सिल्ट सफाई का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। सोमवार को एसडीएम पंकज सिंह ने अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ झीलों की स्थिति भी देखी।
सरकारी अभिलेखों में तेवई झील लगभग 12.5 हेक्टअर व नकटौली झील लगभग 25 हेक्टअर क्षेत्रफल में है। लेकिन झील के रकबे पर ग्रामीणों का अतिक्रमण के चलते झील सिमटती जा रही है। एसडीएम ने झील की भूमि पैमाइश कर अतिक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मनरेगा से झीलों की मिट्टी एक मीटर गहराई में निकाल दी जाएगी तो झील में पानी का ठहराव होने लगेगा। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों झीलों के बारे में रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी।
सराही झील की तरह विकसित की जाएगी सिरौलीगौसपुर क्षेत्र की भुड़हा झील
सिरौलीगौसपुर: पर्यावरण के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए श्यामनगर एवं ठाकुरपुर के मध्य स्थित भुड़हा झील को जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम रामसनेहीघाट राजीव कुमार व सिरौलीगौसपुर एसडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान के साथ मौके पर पहुंचकर उसके स्वरूप को देखा। झील के पुनरुद्धार के लिए मनरेगा की ओर से स्टीमेट प्राक्कलन तैयार कर क्षेत्र मे पर्यटन स्थापित करने के लिए इस झील को रमणीक बनाने पर विचार विमर्श किया गया। दनापुर शुक्ल के नाम से प्रसिद्ध यह झील की गाटा संख्या 99/रकबा 11 हेक्टेअर को सराही का स्वरूप देने तथा पर्यावरण के संतुलन एवं प्रकृति को मनोरम बनाने के लिए तैयारी होनी है।