तालाब की भूमि का कर दिया पट्टा, एसडीएम ने किया निरस्त
तालाब पर कभी सिघाड़ा व मछली पालन हुआ करता था। कुछ समय बीतने के बाद नगर पंचायत स्थित सड़क किनारे इस तालाब की भूमि की कीमत करोड़ों में पहुंच गई
बाराबंकी : सरकारी तालाब पर तहसील से लोगों के नाम आवासीय पट्टा कर दिया गया। इसका जब राजफाश हुआ तो आनन-फानन सभी पट्टों को निरस्त कर निर्माण कार्यों को रोकवा दिया गया है।
नगर पंचायत सुबेहा में कस्बा स्थित सुबेहा-देवीगंज मार्ग पर वर्षों पुराना एक तालाब है। तालाब पर कभी सिघाड़ा व मछली पालन हुआ करता था। कुछ समय बीतने के बाद नगर पंचायत स्थित सड़क किनारे इस तालाब की भूमि की कीमत करोड़ों में पहुंच गई। बेसिक खेतौनी का गाटा संख्या 1258 को बदलकर दो भागों में विभाजित कर गाटा संख्या 758 व 759 बना दिया। शिकायत पर इसकी जांच शुरू हो गई।सरकारी तालाब के नाम दर्ज इस गाटा संख्या को सरकारी नियमों के तहत एक नया गाटा संख्या बना गया था। कस्बा निवासी कमालुद्दीन अंसारी व सल्ले, असगर अली व रिजवान अंसारी आदि नगर वासियों ने आरोप लगाया पुराने गाटा संख्या को दो भागों में विभाजित कर लोगों को पट्टा दे दिया गया। तहसीलदार राहुल सिंह ने बताया कि यह प्रकरण एसडीएम की जानकारी में है, पट्टा निरस्त कर दिया गया है। इनसेट
तालाब व स्कूल की जमीन से अतिक्रमण मुक्त
रामसनेहीघाट : पूरेडलई ब्लॉक अंतर्गत राजस्व ग्राम उदईमऊ व राजस्व ग्राम नूरपुर में विद्यालय की भूमि व तालाब की भूमि कुल रकबा पांच हेक्टेअर जमीन से अवैध अतिक्रमण कर खेती की जाती थी। इसका संज्ञान लेते हुए उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट राजीव शुक्ल ने पैमाइश कराई। दोनों ग्राम सभा में लगभग 7.867 हेक्टेअर ग्राम समाज की भूमि पर खेती की जा रही थी। जिसकी पैमाइश करवा कर उसे खाली करवा दिया गया है।