निलंबित सिपाही ने बिना वर्दी के मिलने की दी धमकी
बाराबंकी निजी कार से युवक का अपहरण कर उसे कमरे में बंधक बनाने के मामले में निलंबित सिपाही ने बिना वर्दी के मिलने की धमकी दी है। इससे महकमे में खलबली मची है।
निरंकार जायसवाल, बाराबंकी
निजी कार से युवक का अपहरण कर उसे कमरे में बंधक बनाने और मार्फीन के फर्जी मुकदमे में फंसाकर तीन लाख आठ हजार रुपये वसूलने वाले सिपाहियों के गिरोह के सरगना ने अब पीड़ित को देख लेने की धमकी दे डाली। आरोपित सिपाही ने पीड़ित युवक को अब बिना वर्दी के मिलने की धमकी दी है। पीड़ित ने इसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी है।
मसौली थाना क्षेत्र निवासी राहुल सिंह को 16 अक्टूबर की रात सफदरगंज चौराहे सिपाहियों ने अपनी कार से पहुंचकर अपहरण कर लिया था। कोठी थाना क्षेत्र में एक कमरे में बंधक बनाकर उसे दो किलो मार्फीन बरामद दिखाकर मुकदमा दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी दी थी और पिस्तौल को कनपटी पर लगाकर उससे तीन लाख आठ हजार रुपये वसूले थे। प्रकरण में एसपी ने चार सिपाही नीलेश सिंह, आशीष तिवारी, अमित सिंह और जमाल अशरफ को निलंबित कर मामले की जांच सीओ रामसनेहीघाट पंकज सिंह को सौंपी है। इस गिरोह के सरगना बताए जा रहे नीलेश सिंह ने अब पीड़ित युवक को धमकी दी है। पीड़ित राहुल सिंह ने बताया कि सिपाही नीलेश ने उसे अब बिना वर्दी के मिलने की धमकी दी है, जिसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दे दी है।
एसपी के नाम पर वसूली : तीन लाख आठ हजार वसूलने वाले सिपाहियों ने राहुल से दस लाख रुपये की मांग की थी। इस रकम में सिपाही ने एसपी और एसओ का हिस्सा भी बताया था। मोलभाव के बाद रकम तय हुई और एसओ कोठी के सामने सिपाहियों ने ली और फिर एसओ को उनके हिस्से की रकम सौंपी।
प्रतिदिन हजारों का खर्च : सूत्र बताते हैं कि इन सिपाहियों का प्रतिदिन पांच से दस हजार रुपये का खर्च था। उनके साथ मार्फीन तस्करी पर काम करने वाले चार-पांच मुखबिर थे, जिनकी सूचना पर वह प्रतिदिन लोगों को उठाते लाखों की वसूली करते थे। राजपत्रित अधिकारी की सरपरस्ती के कारण इन दिनों इस गैंग का आतंक अधिक बढ़ गया था।