सौहार्द की मिसाल है रानीगंज की रामलीला
बाराबंकी : विकास खण्ड सूरतगंज के रानीगंज स्थित ठाकुरद्वारा प्रांगण में 36 वर्ष से रामलीला हो
बाराबंकी : विकास खण्ड सूरतगंज के रानीगंज स्थित ठाकुरद्वारा प्रांगण में 36 वर्ष से रामलीला हो रही है। यहां की रामलीला सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। रामलीला के विभिन्न किरदारों में ¨हदू-मुस्लिम व सिख समुदाय के लोग दिखाई पड़ते हैं जिससे एकता और सामाजिक सदभाव की मिसाल बनती है। रामलीला कमेटी में बच्चे, युवा व बुजुर्ग सहित 51 सदस्य व पदाधिकारी हैं। श्रीराम के जन्म से लेकर रावण वध और राजगद्दी तक लीला का मंचन होता है।
इस वर्ष का आकर्षण : इस बार रामलीला में अन्य जिलों के भी कलाकार बुलाए गए हैं। इससे रोचकता बढ़ जाती है। राम-रावण का युद्ध विशेष आकर्षण होगा। रावण व मेघनाद के पुतले भी बनाए जा रहे हैं। किसान संतोष मौर्य का ताड़का व कालादेव का रोल भी लोगों को आकर्षित करेगा।
कोट
रामलीला में परशुराम का अभियान करता हूं। रामलीला में अभिनय के प्रति नई पीढ़ी के लोगों का रुझान कम हुआ है पर सभी को रामलीला में उत्साह के साथ अपने अपने रोल से सभी को मंचन करना चाहिए।
-जगदीश पांडे, व्यवस्थापक
रामलीला देखने के लिए सुदूर ग्रामीण अंचल से लोग आते हैं। सुरक्षा के लिए गांव के युवकों को स्वयंसेवक के रूप में तैनात किया जाता है। बैठने के लिए उचित व्यवस्था कराई जाती है।
-संतोष मौर्य, सदस्य
मैं अपने पिता की भांति धार्मिक कार्यक्रमों से जुड़ा रहता हूं। रामलीला के जरिए पूरा गांव एकजुट दिखाई पड़ता है। इस आयोजन में सबको जोड़े रखने की शक्ति है।
-कुमार गौरव, सदस्य
हम बचपन से ही रामलीला कमेटी से जुड़े हैं और रामलीला में अभिनय करते हैं। रामलीला में जुड़े रहने से गांव समाज में एक अलग छवि बनी है। लोग सम्मान करते हैं।
-अनिल मिश्रा, सक्रिय सदस्य