लॉकडाउन में महिला समूहों को मिला यूनीफार्म सिलाई का काम
पहली बार रोजगार मिलने से समूहों की महिलाओं में है उत्साह
बाराबंकी :लॉकडाउन में आधी आबादी यानि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में सरकारी मुहिम रंग लाई है। स्कूली बच्चों की यूनीफार्म सिलने का काम राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत संचालित महिला समूहों को दिया गया है। समूह की महिलाओं को यूनीफार्म सिलने में ज्यादा तकनीकी व आर्थिक दिक्कत न हो इसलिए यूनीफार्म के कपड़े को कटिग करके दिया जा रहा है। इसके साथ ही सिलाई में उपयोग होने वाली चीजें जैसे धागा, बकरम, बटन आदि भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बंकी ब्लॉक के ग्राम गोकुलपुर (असेनी) के चेतन स्वयं सहायता समूह में 12 सदस्य हैं। इस समूह को 50 यूनीफार्म सिलने के लिए ब्लॉक की ओर से मिली हैं। समूह की सचिव मंजूलता मिश्रा ने बताया कि उनके समूह की अध्यक्ष किरन देवी, कोषाध्यक्ष शालू चौरसिया, सदस्यों में शालू चौरसिया, रुकैया, अर्शिया, रजनी देवी, सुबरातन, कमलावती, अर्चना, रीता, सुमन, अंशूलता व चौरसिया हैं। 50 यूनीफार्म सिलने को मिली थीं जो एक-दो दिन में तैयार हो जाएंगी। मंजूलता ने बताया कि कोई सिलाई, कोई बटन, कोई काज लगाने व कोई कपड़ों को प्रेस करने का काम कर लेता है।
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350 समूहों को मिला काम : राष्ट्रीय आजीविका मिशन के उपायुक्त सुनील तिवारी ने बताया कि गोकुलपुर के चेतन स्वयं सहायता समूह की तरह जिले के 350 स्वयं सहायता समूहों को यूनीफार्म सिलने का काम दिया गया है। इसमें 860 महिलाओं को रोजगार मिलेगा। बनीकोडर, सूरतगंज व सिद्धौर ब्लॉक के सभी परिषदीय स्कूलों के एक लाख 40 हजार बच्चों की यूनीफार्म समूहों से ही सिलवाई जा रही रही है। समूहों की ओर से यूनीफार्म सिलाई का अच्छा परिणाम देखने को मिल रहा है।