'बीमारियों से बचना है तो करें भूमि व बीज का शोधन'
दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर लाइव रहकर जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने दिए सुझाव
बाराबंकी : फसल को कीटों और बीमारियों से बचाना है तो सबसे पहले भूमि का शोधन और मृदा परीक्षण कराएं। उसके बाद फसल उगाने से पहले बीज का शोधन जरूर करें। बीज का शोधन ट्राइकोड्रमा मिलाकर बीज का शोधन कर सकते हैं। इससे फसल रोगमुक्त रहेगी। शुक्रवार को दैनिक जागरण के फेसबुक पेज पर शाम पांच बजे से लेकर छह बजे तक लाइव रहकर जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रीति किरन वाजपेई ने किसानों की समस्याओं का समाधान किया। साथ ही विभागीय योजनाओं की भी जानकारी दी।
एक सवाल के जवाब में बताया कि बीज व कीटनाशक दुकानों में विभिन्न प्रकार की दवाएं हैं, जिनमें यह दावा किया जाता है कि छिड़काव से फसल चमकदार और पैदावार अधिक होती है, यह पूरी तरह से गलत है। ऐसा कोई दुकानदार झांसा दे तो कतई न माने। जितना फायदा सड़ी हुई गोबर की खाद करेगी, उतना कोई भी दवा नहीं करेगी। फसलों में केमिकल्स का प्रयोग न के बराबर करें। फसल बोने से पहले बीज का शोधन और भूमि का शोधन जरूर कर लें। एक प्रश्न पर उन्होंने ने बताया कि कीटनाशक व बीजभंडार का लाइसेंस कृषि रक्षा अनुभाग से ही मिलता है। लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अब बीएससी एजी के अलावा साइंस ग्रेजुएशन का प्रमाणपत्र लगाकर आवेदन कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 1500 और शहरी क्षेत्र में लाइसेंस लेने के लिए 7500 रुपये शुल्क लगेगा। आवेदन के 30 दिन के अंदर की लाइसेंस देने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है। उन्होंने टिड्डी पर सचेत करते हुए बताया कि वैसे अब टिड्डी का खतरा नहीं हैं, लेकिन टिड़्डियां आ भी सकती हैं। इसलिए जैसे ही टिड्डी दिखे तो धुआं करें, पटाखा फोड़ें, शोर मचाए, थाली बजाए। इसके अलावा तत्काल सूचना भी दें। कृषि रक्षा की टिड्डी से निपटने की पूरी तैयारी है। इस दौरान, विवेक तिवारी, अनुज कुमार, सरोज कुमार, सतीश कुमार वर्मा, अजय गुप्ता, बरून, आशीष, निसार महेदी, सुमित कुमार सहित तमाम लोगों के प्रश्नों और समस्याओं का समाधान किया गया।