खजुहा तालाब में फसल देख दंग रह गए एसडीएम
एंटी भू-माफिया अभियान के तहत सभी लेखपालों को तालाब व ग्राम सभा की जमीनों से न सिर्फ अवैध कब्जे हटवाने के निर्देश दिए गए थे बल्कि उनसे कब्जा न होने का घोषणा पत्र भी लिया जा चुका है। बावजूद इसके लेखपाल किस कदर झूठी रिपोर्ट देकर उच्चाधिकारियों को गुमराह करते रहे हैं इसका एक नजारा देवा क्षेत्र में खुजहा मजरे सलालपुर में देख
बाराबंकी : एंटी भू-माफिया अभियान के तहत सभी लेखपालों को तालाब व ग्राम सभा की जमीनों से न सिर्फ अवैध कब्जे हटवाने के निर्देश दिए गए थे बल्कि उनसे कब्जा न होने का घोषणा पत्र भी लिया जा चुका है। बावजूद इसके लेखपाल किस कदर झूठी रिपोर्ट देकर उच्चाधिकारियों को गुमराह करते रहे हैं इसका एक नजारा देवा क्षेत्र में खुजहा मजरे सलालपुर में देख एसडीएम नवाबगंज अभय कुमार पांडे भी दंग रहे गए।
18 हेक्टेयर के विशाल रकबे वाले खजुहा तालाब की नौ हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर 22 लोग गेहूं व सरसो आदि की फसलें बोए हुए हैं। संबंधित लेखपाल ने इसकी जानकारी तहसील में नहीं दी। ऐसे में एसडीएम ने लेखपाल हरिमोहन शुक्ला के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया है।
एसडीएम का कहना है कि तालाबों के प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया है। ऐसे में आधे तालाब पर कब्जा कर उसमें फसलें उगाने वाले लोगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस संबंध में लेखपाल के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर जवाब मांगा गया है। तालाब में लगी फसल को नीलम किया जाएगा। कब्जा हटवाकर तालाब का प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने की दिशा में पहल की जाएगी।
सलारपुर पक्षी विहार के रूप में जाना जाता है। सलारपुर गांव में एक बड़ी झील भी है जिसका प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने करने की जरूरत है। सलारपुर झील से खजुहा तालाब तक विदेशी पक्षी विचरण करने आते हैं लेकिन तालाब व झील पर अतिक्रमण के चलते पिछले तीन-चार साल से पक्षियों विदेशी पक्षियों की संख्या तेजी से घटी है।