संडे को लगती है ग्रामीणों की पाठशाला
बाराबंकी : प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ऑन ड्यूटी पर विद्यालय के बच्चों और अवकाश के
बाराबंकी : प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ऑन ड्यूटी पर विद्यालय के बच्चों और अवकाश के दिन निरक्षर ग्रामीणों को साक्षर बना रही हैं। लगातार प्रयास से आधा गांव निरक्षर से साक्षर बन चुका है। अभी तक विद्यालयों के बच्चों से अभिभावकों को साक्षर बना रही थीं, अब वह खुद गांव में जाकर ग्रामीणों को लिखना-पढ़ना सिखा रही हैं।
हैदरगढ़ के प्राथमिक विद्यालय भियामऊ इंग्लिश मीडियम का स्कूल है। यहां साढ़े चार वर्षों से कार्यरत प्रधानाध्यापिका शिवानी ¨सह ने देखा कि अधिकांश अभिभावक अनपढ़ हैं, उन्हें अपना नाम भी लिखना नहीं आ रहा था। अभिभावकों को साक्षर बनाने का संकल्प लिया और बच्चों के माध्यम से अभिभावकों को नाम लिखना सिखाया। भियामऊ गांव में लगभग 11 सौ परिवार हैं, जिसमें सात सौ से अधिक परिवार के अभिभावक निरक्षर हैं। इन्हें साक्षर बनाने के लिए शिवानी ¨सह गांव जाने लगी हैं, गांव संडे के दिन जाती हैं और ग्रामीण महिला और लोगों को पढ़ना-लिखना सिखाती हैं। शिवानी बताती हैं कि गांव के हर एक सदस्य को जब तक नाम लिखना नहीं सिखा देती हैं, तब तक अवकाश के दिन ग्रामीणों को पढ़ाना अभियान नहीं रुकेगा। पढ़ाने के साथ ही शिवानी सरकारी योजनाआ ं से भी लोगों को जागरूक कर रही हैं, ताकि ग्रामीणों को उनका हक मिल सके और उन्हें योजनाओं की जानकारियां हो सकें।
अब होगा एडमिशन : शिवानी ¨सह बताती हैं कि वह अब गांव में पाठशाला लगाएंगी, जहां ग्रामीणों का एडमिशन करेंगी। प्रवेश लेने के बाद उन्हें संडे के दिन क्लास लगाकर पढ़ाएंगी ताकि ग्रामीणों को पढ़ने के साथ-साथ लिखना भी आ जाए।
विद्यालय का रास्ता भी नहीं : प्राथमिक विद्यालय भियामऊ कहने को तो इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं लेकिन यहां आने-जाने के लिए रास्ता तक नहीं बना है। प्रधानाध्यापिका ने कई बार प्रशासन से मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रास्ता न होने के बाद भी बच्चों को गांव से बुलाकर उन्हें स्कूल में अंग्रेजी बोलने और पढ़ने की तालीम दे रही हैं।