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लखनऊ में पीएम नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा बाराबंकी का भगवा गमछा

लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ही बुनकर उत्पादों की ब्रांडिंग होगी। इसी के तहत उनको बाराबंकी में निर्मित भगवा गमछा भी भेंट किया जाएगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 27 Jul 2018 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 12:03 PM (IST)
लखनऊ में पीएम नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा बाराबंकी का भगवा गमछा

बाराबंकी [नरेंद्र मिश्र]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश में शुरू 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट' योजना ने गति पकड़ ली है। इसी योजना का एक उत्पाद कल उनको लखनऊ में भेंट भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री कल लखनऊ के दो दिन के दौरे पर आ रहे हैं।

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लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ही बुनकर उत्पादों की ब्रांडिंग होगी। इसी के तहत उनको बाराबंकी में निर्मित भगवा गमछा भी भेंट किया जाएगा। बाराबंकी से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब दो हजार करोड़ का व्यापार होता है। बाराबंकी से शामिल बुनकरों के उत्पाद स्टोल (गमछा) की प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष ब्रांडिंग की तैयारी पूरी हो गई है। यहां के बुनकरों ने अपने हाथ से तैयार भगवा गमछा मोदी के लखनऊ आगमन पर उन्हें भेंट करने की अनुमति मांगी है। 

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रांतीय वरिष्ठ मंत्री प्रदीप कुमार जैन ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को डीएम के माध्यम से आग्रह किया है। बाराबंकी में बनने वाले नायाब बुनकर उत्पाद राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में में छाए हुए हैं। यही वजह है कि जिले से बुनकर उत्पाद का सालाना टर्न ओवर करीब दो हजार करोड़ है। जुलाई 2017 में बुनकर उत्पादों पर भी जीएसटी लागू होने के बाद बुनकर उत्पाद व्यापार अब नियोजित होने लगा है।

बाराबंकी जिले के प्रमुख 11 निर्यातक दर्जन भर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हर वर्ष औसत 550-560 करोड़ की बिक्री करते हैं। इसके साथ ही नोएड़ा, दिल्ली, मुंबई, गुजरात के अहमदाबाद, राजस्थान के जयपुर, कोलकाता, बेंगलूरू, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू, उड़ीसा की बाजार के लिए यहां से गमछा, स्कॉर्फ, दुपट्टा के अलावा शॉल भेजते हैं। जीएसटी में पंजीकृत एक हजार उत्पादक एवं थोक सप्लायर तकरीबन पंद्रह सौ करोड़ का व्यापार हर वर्ष कर रहे हैं।

एक लाख परिवार करते काम

जिले में एक लाख परिवार बुनकर उत्पादों को तैयार करते हैं। उत्पादक एवं निर्यातक प्रदीप जैन ने बताया कि बुनकर उत्पाद अपनी गुणवत्ता और कुछ अलग डिजायन होने के नाते विश्व भर में लोकप्रिय हैं। खास बात यह है कि बुनकर उत्पाद तीस रुपये से तीन सौ रुपये तक मूल्य के हैं। यही वजह है कि जीएसटी के दायरे में आने के बाद भी बिक्री पर फर्क नहीं पड़ा।

हैंडलूम आधुनिकता की ओर

उपायुक्त वाणिज्य कर निरुपमा सक्सेना ने बताया कि 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट' में चुने जाने के बाद उत्पाद आधुनिक और डिजायनर बन रहे हैं। अब छोटे बुनकर भी बैंकों की मदद से बड़ा-बड़ा काम करने लगे हैं। इंटरनेशनल डिजाइन के लिए कंप्यूटराइज्ड लैब तैयार हो रहा है। यहां के निर्यातक और उत्पादक बेहतर कार्य कर रहे हैं, जीएसटी में तेजी से पंजीकरण भी हो रहे हैं। 


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