चावल में 35 फीसद टूटन की स्वीकार्यता पर अड़े राइस मिलर्स
क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान की कुटाई के बाद तैयार चावल में 33 फीसद तक टूटन स्वीकार करने की मांग पर राइस मिलर्स अड़े हैं। राइस मिलर्स एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी दिया गया।
बाराबंकी : क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान की कुटाई के बाद तैयार चावल में 33 फीसद तक टूटन स्वीकार करने की मांग पर राइस मिलर्स अड़े हैं। राइस मिलर्स एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि क्रय केंद्रों पर खरीदे जा रहे धान में टूटन (ब्रोकेन) 70 से 75 फीसदी तक है। चावल की रिकवरी 45 से 55 फीसदी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 67 फीसदी चावल की रिकवरी मांगता है। सिर्फ 25 फीसदी ही टूटन स्वीकार करता है। ऐसे में एफसीआइ के मानक के मुताबिक चावल देन पाना संभव नहीं है। कम से कम 35 फीसदी तक टूटन एफसीआई स्वीकार करे।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जिले के 80 फीसदी किसान हाइब्रिड धान उगाते हैं। जबकि शासन स्तर पर 35 फीसदी ही माना जा रहा है। इसकी जांच कराकर 80 फीसदी किसानों के हाइब्रिड धान के ²ष्टिगत टूटन का मानक तय किया जाए। धान की कुटाई भी 10 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति क्विटल दिए जाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में राइस मिलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अमूल सिंह, मथुरा प्रसाद, राजू वर्मा, पूर्णमासी वर्मा, राम कुमार गुप्ता, राजेश वर्मा सहित अन्य शामिल रहे। ज्ञापन देने के बाद बैठक भी हुई। बैठक में तय किया गया कि मांगें न माने जाने पर सभी राइस मिलर्स हड़ताल करेंगे।