Move to Jagran APP

पौधों को 'जिदगी' नहीं दे पाए जिम्मेदार

जिले में 54 लाख 95 हजार 241 पौधे जुलाई में रोपे गए थे। वन पर्यावरण राजस्व पंचायती राज लोक निर्माण सिचाई कृषि विभाग उद्यान स्वास्थ्य शिक्षा ग्राम्य विकास आदि विभागों के अफसरों की निगरानी में पौधे रोपवाए गए थे। अधिकांश पौधे जीवित नहीं रह पाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 11:31 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 11:31 PM (IST)
पौधों को 'जिदगी' नहीं दे पाए जिम्मेदार

बाराबंकी : जिले में 54 लाख 95 हजार 241 पौधे जुलाई में रोपे गए थे। वन, पर्यावरण, राजस्व, पंचायती राज, लोक निर्माण, सिचाई, कृषि विभाग, उद्यान, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास आदि विभागों के अफसरों की निगरानी में पौधे रोपवाए गए थे। अधिकांश पौधे जीवित नहीं रह पाए। सिर्फ वही पौधे जीवित हैं, जो किसानों को दिए गए थे। सोमवार को जागरण टीम ने पड़ताल की तो कुछ ऐसी ही स्थिति सामने आई। प्रस्तुत है रिपोर्ट..

loksabha election banner

--------------

सूख गए तो कहीं रोपे ही नहीं गए पौधे त्रिवेदीगंज : वन से शिवनाम, गौरवा उस्मानपुर, तेजवापुर आदि जंगलों में हजारों पौध लगवाए थे। देखरेख के अभाव में काफी संख्या में पौधे सूख गए हैं।

बांसा : बांसा से सफदरगंज रोड पर स्थित नियामतपुर वन ब्लाक जंगल में 2020-21 में 10 हेक्टेयर (लगभग 11000) पौधे लगाए गए थे, जो कि अब सूख चुके हैं। सिर्फ गड्ढे बचे हैं।

दरियाबाद : अलियाबाद परिषदीय विद्यालय के परिसर में रोपे गए पौधे देखरेख के अभाव में नष्ट हो गए हैं। यही नहीं, विद्यालय परिसर में सैकड़ों पेड़ पौधे रोपे ही नहीं गए, वह सूख गए। इनके साक्ष्य भी परिसर में नजर आ रहे है।

सतरिख : हरख के मलौली गांव में पौधारोपण के बाद ईंटों के ट्री गार्ड बनवाए गए थे। इसके बाद भी यहां 75 पौधे में अधिकांश सूख गए हैं। ट्री गार्ड गिर रहे हैं, देखरेख न होने के कारण पौधे तैयार होने से पहले ही नष्ट हो गए हैं।

गणेशपुर : रामनगर के रेलवे स्टेशन चौकाघाट, राष्ट्रीय राजमार्ग बांदा-बहराइच के दुर्गापुर मोड़ व घाघरा घाट तक वन विभाग की ओर से आठ हजार आठ सौ पौधे रोपित करवाए गए थे। इसी क्रम में बुढ़वल रेलवे स्टेशन से पुरानी मीटर गेज रेलवे ट्रैक थी महादेवा होते हुए डिपो बड़नपुर तक पांच हजार पांच सौ पौधे रोपित किए गए। इन सभी पौधों में लगभग 15 प्रतिशत पौधे सूख गए। इनसेट : मुख्यमंत्री और विधायक के रोपे पौधे भी नहीं बचा सके

गणेशपुर : महादेवा आडीटोरियम के निकट बीते वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारिजात का पौधा रोपा था। इसे अब वन विभाग की ओर से सूखा मानकर उसके स्थान पर दूसरा पारिजात पौधा लगाया गया है। उसकी भी स्थिति इस समय बेहतर नहीं है। वन दारोगा अवनीश द्विवेदी ने बताया कि वहां पर बाढ़ का पानी भर जाने की वजह से पौधे सूखने की कगार पर पहुंच जाते हैं। वन रेंजर सुबोध कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रति हेक्टेयर एक हजार एक सौ पौधे रोपित किए जाते हैं। इनकी देखरेख के लिए बजट के अनुसार तीन महीने या छह महीने के लिए नजदीकी गांव के चौकीदार रखे गए हैं। रामसनेहीघाट : 13 अगस्त को ब्लाक बनीकोडर परिसर में दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा व ब्लाक प्रमुख पति चंद्रशेखर वर्मा ने पौधे लगाए थे। साथ ही अफसरों ने भी पौधारोपण किया था। अब यहां पौधे नहीं हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.