प्रदूषण जांच केंद्र से जारी हो रहे फर्जी प्रमाणपत्र
यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना दस गुना तक बढ़ाया जा चुका है। वाहन स्वामी लाइसेंस और वाहन संबंधित दस्तावेज अपडेट करा रहे हैं। बीमा व प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने के लिए मारामारी मची हुई है। इसी का फायदा उठा रहे हैं कुछ प्रदूषण जांच केंद्र। वाहन मालिक की अज्ञानता का फायदा उठाकर उन्हें (ऑफलाइन) फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। पकड़े जाने पर वाहन मालिक को जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। परिवहन विभाग ने सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत सभी प्रदूषण केंद्रों पर अपडेटेड मशीन व सॉफ्टवेयर रखे गए हैं। इसके जरिए जारी होने वाले वाहनों की फोटो सहित प्रदूषण संबंधित रीडिग का प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। ऑनलाइन होने वाले इन प्रमाणपत्रों में बार कोड लगा होता है। इसको रीड करके जांच अधिकारी उसकी सत्यता परख सकते हैं। बाराबंकी जिले में कुल 11 प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हो रहे हैं जबकि ऑनलाइन होने से पहले जिले में कुल 12 जांच केंद्र थे।
बाराबंकी : यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना दस गुना तक बढ़ाया जा चुका है। वाहन स्वामी लाइसेंस और वाहन संबंधित दस्तावेज अपडेट करा रहे हैं। बीमा व प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने के लिए मारामारी मची हुई है। इसी का फायदा उठा रहे हैं कुछ प्रदूषण जांच केंद्र। वाहन मालिक की अज्ञानता का फायदा उठाकर उन्हें (ऑफलाइन) फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। पकड़े जाने पर वाहन मालिक को जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
परिवहन विभाग ने सभी प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन कर दिया है। इसके तहत सभी प्रदूषण केंद्रों पर अपडेटेड मशीन व सॉफ्टवेयर रखे गए हैं। इसके जरिए जारी होने वाले वाहनों की फोटो सहित प्रदूषण संबंधित रीडिग का प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। ऑनलाइन होने वाले इन प्रमाणपत्रों में बार कोड लगा होता है। इसको रीड करके जांच अधिकारी उसकी सत्यता परख सकते हैं। बाराबंकी जिले में कुल 11 प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हो रहे हैं जबकि ऑनलाइन होने से पहले जिले में कुल 12 जांच केंद्र थे। ऑनलाइन न होने वाले एक जांच केंद्र का लाइसेंस विभाग द्वारा निरस्त कर दिया गया है। इसके बावजूद शहर में स्थित एक जांच केंद्र अभी तक ऑनलाइन नहीं हो सका है और नियमों को ताक पर रखते हुए वह ऑफलाइन ही प्रमाणपत्र जारी कर रहा है। जो पूरी तरह फर्जी है और इस पर कोई बार कोड भी नहीं है। यही नहीं पेट्रोल के फॉरमेट पर डीजल वाहन का प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है।
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ऑफलाइन जारी किए जा रहे प्रमाणपत्र पूरी तरह फर्जी हैं। ऑनलाइन प्रमाणपत्रों में बार कोड होता है। इससे वह जांच अधिकारी उसे रीड कर सकते हैं, जिस वाहन प्रदूषण जांच केंद्र में ऑफलाइन प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं उसके खिलाफ निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
-राकेश वर्मा, संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक)