दिव्यांश की बहादुरी को अब 'प्रधान' पुरस्कार
मखदूमपुर के दिव्यांश का प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवार्ड-2021 के लिए चयनस्कूल से लौटते वक्त बहन समेत आठ बचों को सांड के हमले से था बचाया
जगदीप शुक्ल, बाराबंकी
मजबूत हौसले से मुश्किलों को आसान बनाने का हुनर रखते हैं नवाबगंज तहसील के मखदूमपुर(दशहराबाग) के रहने वाले कुंवर दिव्यांश सिंह। इन्होंने महज तेरह वर्ष की उम्र में अपनी बहादुरी से सांड के हमले से अपनी बहन समेत आठ लोगों को बचाकर कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके लिए इन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर सहित करीब दो दर्जन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अब इनका चयन प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवार्ड-2021 के लिए किया गया है। डरो नहीं, सूझबूझ से लड़ो
अवार्ड के लिए चयनित कुंवर दिव्यांश सिंह का कहना है कि किसी भी मुश्किल से डरने के बजाय उसका ²ढ़ता से मुकाबला करना चाहिए। वह बताते हैं कि उन्होंने 31 जनवरी 2018 को वह जयपुरिया स्कूल से पढ़ाई कर घर लौट रहे थे। स्कूल बस से उतरने के बाद वह अपनी बहन और सात बच्चों के साथ जा रहे थे। रास्ते में सांड बच्चों की ओर बढ़ा तो उन्होंने अपने स्कूल बैग से सांड पर ताबड़तोड़ कई वार किए। इससे सांड उन्हें धक्का देते हुए भाग गया, जिस वह गिर गए। दिव्यांश की बहादुरी से उनकी बहन समेत आठ बच्चों की जान तो बच गई, लेकिन गिरने से दिव्यांश के दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हो गया, जोकि करीब तीन माह बाद ठीक हुआ। वैज्ञानिक और खेल गतिविधियों में है गहरी रुचि
दिव्यांश वीर बालक होने के साथ ही मेधावी भी हैं। उन्होंने हाईस्कूल में 94 फीसद अंक हासिल किए हैं। इसके अलावा विज्ञान और बास्केटबॉल खेलने में गहरी रुचि रखते हैं। विभिन्न विज्ञान प्रदर्शनियों में इनके मॉडल पुरस्कृत किए जा चुके हैं। छात्र ओलंपिक में स्टेट स्तरीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भी हिस्सा ले चुके हैं। इनके पिता डॉ. डीबी सिंह लखनऊ स्थित डॉ. शकुंतला मिश्र दिव्यांग विश्वविद्यालय में एसोसिएट संकायाध्यक्ष(छात्र कल्याण) और मां डॉ. विनीता सिंह पैसार स्थित श्री गंगा मेमोरियल पीजी कॉलेज में उपाचार्य हैं। यह मिल चुके हैं सम्मान
दिव्यांश को इस वीरता के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार-2018, राष्ट्रीय बाल कल्याण परिषद की ओर से राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2018 और राष्ट्रपति की स्वीकृति पर जीवन रक्षा पदक-2019 सहित कई अन्य सम्मान-पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा विज्ञान और खेल क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न पुरस्कारों मिल चुके हैं। नौंवीं इन्सपायर एवार्ड-2019 में राष्ट्रीय, राज्य, जिला स्तरीय एवं आठवीं इन्सपायर एवार्ड-2018 में राज्य, जिला स्तर पर स्थान प्राप्त किया है। इन्हें राज्य स्तरीय साइंटिफिक इनोवेटिव एवार्ड-2019, साउथ एशिया के प्रतिष्ठित यंग चाइल्ड एवार्ड फॉर साइंटिफिक इनोवेशन-2018 आदि पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।