तेज आंधी-पानी में रात भर ठप रही बिजली आपूर्ति
तेज आंधी पानी में रविवार की रात 12 बजे बिजली आपूर्ति पूरे शहर की ठप हो गई। सोमवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे बिजली आपूर्ति चालू हो सकी। साढ़े आठ घंटे लगातार बिजली आपूर्ति ठप होने से घरों में लगे इनवर्टर तक फेल हो गए। उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बाराबंकी : तेज आंधी पानी में रविवार की रात 12 बजे बिजली आपूर्ति पूरे शहर की ठप हो गई। सोमवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे बिजली आपूर्ति चालू हो सकी। साढ़े आठ घंटे लगातार बिजली आपूर्ति ठप होने से घरों में लगे इनवर्टर तक फेल हो गए। उपभोक्ताओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। चंदौली देवा रोड में रात 12 बजे आई तकनीकी खराबी से बिजली आपूर्ति पल्हरी उपकेंद्र से जुड़े मुहल्लों में ठप हो गई। रात दो बजकर 20 मिनट पर बिजली आपूर्ति किसी तरह चालू हुई तो लखपेड़ाबाग के बाल विहार में 11 हजार की हाईटेंशन लाइन में यूकेलिप्टस का विशालकाय पेड़ गिर गया। कृषि फार्म पर पोल भी तेज हवा में गिर गया। इसके चलते बिजली आपूर्ति पल्हरी व ओबरी उपकेंद्र से जुड़े मुहल्लों में ठप रही। शहर के मुहल्ला आवास विकास, लखपेड़ाबाग, बाल विहार, सरस्वती विहार, बड़ेल, दशहराबाग, लक्ष्मणपुरी कॉलोनी, नवीगंज, भीतरी पीर बटावन, सरावगी, कटरा इमामबाड़ा, पीर बटावन, पल्हरी, मखदूमपुरपुर सहित कई मुहल्लों में बिजली आपूर्ति करीब साढ़े आठ घंटे ठप रही। सुबह साढ़े आठ बजे के बाद बिजली आपूर्ति चालू हो सकी। अधिशासी अभियंता आरके मिश्रा ने बताया कि जो खराबी आई थी वह सही करा दी गई है।
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त्योहार पर चीत्कारों से दहल उठा लोहंजर गांव
बाराबंकी : दीवाली के दिन जब लोग दीये जलाने की तैयारी कर रहे थे, तब लोहंजर गांव में एक साथ चार चिताएं जल रहीं थीं। लखनऊ में हुई मार्ग दुर्घटना में मृत चार लोगों के शव जब गांव पहुंचे तो त्योहारी खुशियों की जगह केवल मातमी चीत्कारें ही सुनाई पड़ रही थीं। लोहंजर गांव के राजनारायण अपनी पुत्री अंजली, गांव की ही पूनम पत्नी मनोज और माया देवी के साथ फाइलेरिया की दवा लेने उन्नाव गए थे। लौटते वक्त शहीदपथ पर निजी बस ने पीछे से कार में टक्कर मार दी थी। इससे कार के परखच्चे उड़ गए थे और कार सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। दुर्घटना के वक्त पूरा गांव दीवाली की खुशियों में व्यस्त था। यह खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। दीवाली के दिन देर शाम जब चारों लोगों के शव गांव पहुंचे तो हर ओर केवल मातमी चीत्कारों की आवाजें ही सुनाई पड़ रही थीं। अंजली कक्षा नौ की मेधावी छात्रा थी। विद्यालय में शोकसभा का आयोजन कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई।