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पराली नहीं जलाने की दिलाई शपथ

उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 01:27 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 01:27 AM (IST)
पराली नहीं जलाने की दिलाई शपथ

बाराबंकी : फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए शुक्रवार को ढेडिया गांव में आयोजित गोष्ठी में किसानों को पराली नहीं जलाने की शपथ दिलाई गई।

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पूर्व एमएलसी हरगोविद सिंह ने कहा कि पराली जलाने से आसपास का वातावरण प्रदूषित होता है। इससे होने वाली हानियों के बारे में भी बताया। केवीके प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करके खेत में पराली को मिलाकर गेहूं की सीधी बुआई कर सकते हैं। किसान इन मशीनों का निश्शुल्क लाभ उठाएं। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। इसका प्रभाव फसल की पैदावार पर पड़ता है। फार्म मैनेजर डॉ. भानु प्रताप सिंह ने फसल में लगने वाले रोगों के बारे में जानकारी दी।


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