अब सितंबर तक गोशाला पहुंचीं गायें भी बनेंगी 'सहभागी'
गोशालाओं में आ चुकीं 500 गायों को मिल सकेगा सहारा ले जा सकेंगे पशुपालक।
बाराबंकी : गोशाला में सितंबर तक लाई गईं बेसहारा गायें भी पशुपालक का सहारा बन सकेंगी। जन सहभगिता योजना के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति माह 900 रुपये भी दिए जाएंगे, जिससे गाय का भरण-पोषण हो सके। दरअसल, शासन स्तर पर योजना का दायरा बढ़ाकर उसे सितंबर 2020 तक कर दिया गया है।
कुपोषित नौनिहालों के अभिभावकों को पालने के लिए गाय दी जा रही है। लेकिन, जिले की गोशालाओं में दुधारू गायें अब नहीं बची हैं। इसके चलते प्रदेश सरकार ने जन सहभगिता योजना का दायरा बढ़ा दिया है। पहले नवंबर 2019 तक गोशाला लाई गई बेसहारा गायों को ही पालन के लिए दिया जा सकता था। नवंबर 2019 तक 3,339 गायें थी, जिसमें से दूध देने वाली 1604 ही थीं। इनमें से 1043 गायों को जन सहभगिता के तहत पशुपालकों को दिया जा चुका है और 333 नये आवेदन लंबित हैं। अब गोशालाओं में ऐसी गायें नहीं हैं, जो कि दुधारू हों और उन्हें कुपोषित बच्चों के परिवार को दिया जा सके। बहरहाल, योजना का दायरा बढ़ाकर सितंबर 2020 कर दिया गया है। अब सितंबर तक गोशालाओं में पहुंची बेसहारा गायों को पालन के लिए दिया जा सकेगा। साथ ही प्रोत्साहन राशि पशुपालक को मिलेगी। अब तक लगभग 500 गायें गोशालाओं में बढ़ी हैं, जिनमें से ज्यादातर दुधारू हैं।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी डॉ. मारकण्डेय ने बताया कि जन सहभगिता योजना में गाय पालन का दायरा बढ़ाते हुए सितंबर 2020 तक कर दिया गया है। अब कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को आसानी से गायें दी जा सकेंगी।
फैक्ट फाइल :
गोशाला - 34
पशुओं की कुल संख्या - 7859
पालन के लिए दी गईं गायें - 1043
नवंबर 2019 तक कुल गायें - 3339
सितंबर 2020 तक कुल गायें - 3839
गाय पालन के नये आवेदन - 333
कुल पशुओं में टैगिग - 7584
कुल पशुओं में टीकाकरण - 7570
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