मगरमच्छ से सतर्क रही एनडीआरएफ की टीम
- 100 फीट गहराई से एनडीआरएफ ने खोजे शव - टीम की कुशलता व सक्रियता से मिली सफलता स
- 100 फीट गहराई से एनडीआरएफ ने खोजे शव
- टीम की कुशलता व सक्रियता से मिली सफलता
संवादसूत्र, बाराबंकी : एनडीआरएफ टीम की सक्रियता और कुशलता से छह में से पांच लोगों के शवों को खोज निकाला गया। जिलाधिकारी और एसपी के प्रयास से मौके पर मिली एनडीआरएफ टीम ने बिन समय बर्बाद करे लगातार प्रयासों से यह सफलता हासिल की। अन्यथा अधिक समय लगने पर शव बरामद करना कठिन हो जाता है, क्योंकि शव की दुर्गंध से अगर मगरमच्छ आते तो टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ता।
एनडीआरएफ के निरीक्षक संजीव कुमार ने तत्काल एक विशेषज्ञ, राहत, खोज व बचाव के उपकरण से सुसज्जित होकर प्रशिक्षित गोताखोरों की एक टीम घटनास्थल पहुंची और प्रशासन हादसे की जानकारी हासिल कर रेस्क्यू की रणनीति तैयार की और आपरेशन शुरू किया। एनडीआरएफ टीम ने विभिन्न खोज तकनीकों से दिन रात लगातार डूबे हुए लोगों की तलाश करती रही। विशेष रूप से प्रशिक्षित व निपुण गोताखोरों ने संभावित स्थलों को चिह्नित करते हुए लगातार गोता लगाते रहे। एनडीआरएफ टीम ने 100 फीट तक घाघरा नदी की गहराई और तेज बहाव के बीच गोता लगाना, जिससे टीम को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
एनडीआरएफ टीम : 11 बटालियन एनडीआरएफ टीम के कमांडर निरीक्षक संजीव कुमार, एसआइ एसपी झाखर, चार चालक, एक नर्सिंग असिस्टेंट और 11 तैराक व बोट चालक शामिल थे। टीम ने डीप ड्राइ¨वग और लाइन सर्च तकनीक के जरिए पांच शव बरामद किए।
परिवारीजन ने दिया धन्यवाद : परिवारीजन शव मिलने की उम्मीद भी खो चुके थे, लेकिन एनडीआरएफ ने अपने जज्बे और कार्यकुशलता से पांच लोगों के शव खोज निकाले। उनकी मेहनत और लगन देखते हुए स्थानीय लोगों व पीड़ित परिवारीजन एनडीआरएफ टीम को धन्यवाद दिया, आभार प्रकट किया।
तीन वर्ष पूर्व आ गए थे मगरमच्छ : तीन वर्ष पूर्व घाघरा पुल से एक डीसीएम वाहन नदी में पलट गया था। जिस पर सवार 22 मजदूर नदी में वाहन के नीचे दब गए थे। दो दिन तक तलाश के दौरान कोई सफलता नहीं मिली और फिर मगरमच्छ आ जाने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा था।