नहरों में नहीं पानी, कैसे हो किसानी!
बाराबंकी। जिले की 250 नहरों की न तो सिल्ट सफाई कराई गई है और न ही पानी छोड़ा गया
बाराबंकी। जिले की 250 नहरों की न तो सिल्ट सफाई कराई गई है और न ही पानी छोड़ा गया है। इस कारण किसानों को पलेवा के लिए नहर से पानी नहीं मिल सकेगा। हालांकि, ¨सचाई विभाग इसकी वजह मांगी गई धनराशि के सापेक्ष बजट नहीं मिलना बता रहा है। सरकार की मंशा किसानों की आय को दोगुना करने की है। लेकिन, हालात इससे बिल्कुल उलट हैं। एक ओर क्रय केंद्रों पर धान की खरीद पर ग्रहण लगा हुआ है। दूसरी ओर रबी बोआई के सीजन में नहरें सूखी पड़ी हुई हैं। इससे इस बार किसानों को खेत को पलेवा करने के लिए नहरों से पानी नहीं मिल सकेगा, उन्हें निजी
संशाधनों से पलेवा करना होगा। जिले की कुल 250 नहरों और उनसे जुड़े रजवाहे व माइनरों में से ज्यादातर की अर्से से सिल्ट सफाई नहीं कराई गई है। इस कारण उनमें घास-फूस और झाड़-झंखाड़ उग आई है। इससे टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। त्रिवेदीगंज ब्लॉक के बहरौली रजबहा, हसनपुर, अखैयापुर, ककरी, तेजवापुर, पैकौली माइनर की एक वर्ष पहले सफाई हुई थी। लेकिन, टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। रामसनेहीघाट, क्षेत्र के बेलहा, महुलारा और बहरेला और पोखरा क्षेत्र के ¨सचाई निर्माण खंड प्रथम लखनऊ की लाही रजबहा, सुजारा, टिकरी, ¨सदुरिया और गोयन माइनर, हैदरगढ़ क्षेत्र में ¨सहपुर रजबहा, शिवरतनगंज नहर हथौंधा इलाके के कोटवासड़क रजबहा, लालपुर राजपुर माइनर, ¨नदूरा क्षेत्र के ग्राम बहरौली व बिसई निकली सरौरा रजबहा माइनर नहरों की कई वर्षों से सफाई नहीं हुई है। यहीं हाल सिद्धौर क्षेत्र सिद्धौर रजबहा व इससे
निकली सरसा, ख्वाजापुर, तिलसिया, उमरापुर, हाजीपुर माइनर सहित जिले की अन्य नहरों, रजवाहों और माइनरों का है। नहरों की सिल्ट सफाई का टेंडर हो चुका है। शीघ्र ही सफाई शुरू कराई जाएगी। दो करोड़ रुपये का बजट मिला है। मांग सवा पांच करोड़ की है। कुल ढाई सौ नहरों की सफाई होनी है। आवंटित धनराशि से 50 नहरों की ही सफाई हो पाएगी। सुप्रभात ¨सह, अधिशाषी अभियंता ¨सचाई विभाग बाराबंकी प्रखंड।