पराली को खाद में बदल देंगे ये आधुनिक कृषि यंत्र
खेत में अपना रहे पुराने तौर-तरीकों से हटकर अन्नदाता ये आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें तो ये कृषि यंत्र पराली को खाद में बदल देंगे।
बाराबंकी : खेत में अपना रहे पुराने तौर-तरीकों से हटकर अन्नदाता ये आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें तो ये कृषि यंत्र पराली को खाद में बदल देंगे। नवीनतम तकनीक अपनाकर कम लागत से अधिक उत्पादन का लाभ उठा सकते हैं, जिससे किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि हो सकती है।
हैदरगढ़ में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र पर उपलब्ध आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग खेत पर करें। इन कृषि यंत्रों के बारे में किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। यही नहीं केवीके द्वारा चयनित गांवों में चौपाल लगाकर कृषि वैज्ञानिक किसानों को जागरूक भी कर रहे हैं, जिससे किसान पराली न जलाएं।
हैप्पी सीडर का प्रयोग : धान की कटाई के बाद पुआल (पराली) को खेत में निकालें बगैर गेहूं की सीधी बुआई इस मशीन से की जा सकती है। कंबाइन मशीन से धान काटने के बाद खेत में पड़ी पराली को आग लगाए बगैर गेहूं की सीधी बोआई हो जाती है। पुआल को जमीन में मिला देने के बाद मशीन के पीछे लगे बॉक्सों में क्रमश: खाद व बीज गड्ढे में गिर जाता है। इस तरह बोआई हो जाती है।
मल्चर का प्रयोग : यह मशीन खेत में पड़े पुआल को रोलर पैरा से जमीन में दबा देता है। फिर रोटावेटर या सीड ड्रिल मशीन से गेहूं की बोआई कर सकते हैं। यह मशीन एक दिन में लगभग छह से आठ एकड़ धान के पुआल को काटकर खेत में मिला देती है।
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केवीके पर उपलब्ध कृषि यंत्रों की खरीद पर किसानों को अनुदान दिया जाता है। मशीनों को लेने के लिए केवीके या उपकृषि निदेशक से संपर्क करने पर पूरी जानकारी मिल जाएगी।
डॉ. शैलेश कुमार सिंह, केवीके प्रभारी, हैदरगढ़।