चैनपुरवा ब्रांड की राजधानी में हो रही मार्केटिग, फैलेगा समृद्धि का उजियारा
कच्ची शराब के अवैध कारोबार के दलदल से निकलने वाली महिलाओं के जीवन में मोम के दीये इस बार भी आर्थिक समृद्धि का उजियारा फैलाएंगे।
राघवेंद्र मिश्र, सूरतगंज (बाराबंकी) :
कच्ची शराब के अवैध कारोबार के दलदल से निकलने वाली महिलाओं के जीवन में मोम के दीये इस बार भी आर्थिक समृद्धि का उजियारा फैलाएंगे। आइपीएस डा. अरविद चतुर्वेदी की पहल पर शराब के अवैध कारोबार को छोड़ने वाली महिलाएं न सिर्फ समूह से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए बल्कि उनके परिवारजन भी अब इसमें हाथ बंटाने लगे हैं। अब चैनपुरवा ब्रांड के दीयों की मांग दूसरे राज्यों से भी होने लगी है। बाराबंकी शहर और लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर दीयों के स्टाल लगाकर बिक्री की जा रही है। डा. अरविद चतुर्वेदी भी स्टाल पर पहुंचकर इन परिवारों का हौसला बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इन दीयों की बढ़ती मांग से चीन की झालर का कारोबार मंदा पड़ने के आसार हैं।
दीवाली तक आठ लाख दीये बनाने का लक्ष्य
बीते वर्ष महिलाओं ने मधुमक्खी पालक व शहद के कारोबारी निमित्त सिंह के सहयोग से अच्छी बचत की थी। निमित्त सिंह ने बताया कि इस बार दीयों की मांग को देखते हुए दीवाली तक करीब आठ दीये तैयारी कराने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक करीब ढाई से अधिक दीये बनाए भी जा चुके हैं। एनआरएलएम दे रहा सहयोग: एनआरएलएम यानि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। सूरतगंज के चैनपुरवा गांव की दर्जनों महिलाएं जुड़ी और दीवाली को रोशन करने के लिए मोम के दीये तैयार करने का जिम्मा थाम लिया है। बिक्री होगी दोगुनी: पिछले वर्ष सरकारी विभागों के साथ पुलिस विभाग के कर्मचारियों ने इन महिलाओं के हाथों तैयार उत्पाद की खरीदारी की थी। इन्हें एक अच्छी बचत भी हुई थी। साथ ही अयोध्या के दीपोत्सव में भी यहां के दीयों की आपूर्ति की गई थी।