मंझलेपुर में कान्हा उपवन बनवाने की प्रक्रिया शुरू
संवादसूत्र बाराबंकी नगर पालिका परिषद नवाबगंज क्षेत्र के गोवंश को सुरक्षित रखने के लिए कान्हा उपवन का निर्माण मंझलेपुर गांव की करीब 12 बीघे भूमि पर होगा। एक करोड़ 59 लाख की लागत से यह कान्हा उपवन बनना है। यहां पर पांच सौ से अधिक पशु रखे जा सकेंगे। जमीन की पैमाइश के दौरान अवैध कब्जेदार भी सामने आए हैं जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन को सख्ती भी करनी पड़ सकती है।
बाराबंकी : नगर पालिका परिषद नवाबगंज क्षेत्र के गोवंश को सुरक्षित रखने के लिए कान्हा उपवन का निर्माण मंझलेपुर गांव की करीब 12 बीघे भूमि पर होगा। एक करोड़ 59 लाख की लागत से यह कान्हा उपवन बनना है। यहां पर पांच सौ से अधिक पशु रखे जा सकेंगे। जमीन की पैमाइश के दौरान अवैध कब्जेदार भी सामने आए हैं जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन को सख्ती भी करनी पड़ सकती है।
बाबा नौमीलाल नामक वृद्ध ने प्रस्तावित स्थल पर एक शैलानी माता का मंदिर भी बनवा रखा है। उन्होंने मंदिर के आसपास करीब 30 वर्ष के अंदर कई पौधे भी रोपित किए थे जो अब वृक्ष बन चुके हैं। नीम, बरगद व चिलवल के पौधों के चलते अच्छी छाया भी है। खास बात तो यह है कि बाबा नौमीलाल ने नीम के पेड़ के नीचे अपने लिए समाधि का गड्ढा भी खोदवा लिया है। गड्ढे के निकट बरगद का एक पौधा भी रोपा है। उनका कहना है कि मरने के बाद उन्हें इसी गड्ढे में दफन किया जाए। कान्हा उपवन बनने की बात से वह उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि कष्ट तो इस बात का होगा कि जो नए पौधे रोपे हैं वह नहीं बचेंगे लेकिन जो पौधे वृक्ष बन चुके हैं उनकी छांव के नीचे गायों को जो सुकून मिलेगा वही मेरे जीवन में अब तक की गई मेहनत का प्रतिफल होगा।
कच्चा है रास्ता: नागेश्वरनाथ मंदिर के उत्तर रेलवे क्रासिग पार कर ईंट भट्ठा होते हुए मंझलेपुर जाने का रास्ता है। ईंट भट्ठा तक तो खड़ंजा लगा है लेकिन उसके आगे करीब एक किलोमीटर कच्चा और संकरा रास्ता है। ऐसे में यहां कान्हा उपवन तक जाने के लिए सबसे पहले कच्चे मार्ग पर कम से कम खड़ंजा लगवाने की विशेष जरूरत है।
मंझलेपुर में कान्हा उपवन के लिए प्रस्तावित जमीन की पैमाइश डीएम के निर्देश पर तहसील नवाबगंज की टीम ने पूरी कर ली है। अवैध कब्जेदारों को भी बताया जा चुका है कि वह स्वयं ही हट जाएं। शीघ्र ही निर्माण में तेजी लाई जाएगी।
-शशी श्रीवास्तव, चेयरमैन, नगर पालिका, नवाबगंज