अब कारागार में जैमर तोड़ेगा मोबाइल नेटवर्क
मोबाइल के जरिये जेलों में हो रही आपराधिक वारदातों के मद्देनजर जेल प्रशासन ने जैमर लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे कारागार में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर सकेगा और कैदियों व बंदीरक्षकों की गतिविधियों की प्रभावी निगरानी भी हो सकेगी। इतना ही नहीं जेल के अफसर भी मोबाइल के बजाय लैंडलाइन पर ही बात कर सकेंगे। बीते दिनों अफसरों ने कई बार कारागार का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था परखी थी हालांकि उस दौरान कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला था। कारागार में जैमर लगाना प्रशासनिक चुस्ती का हिस्सा है। इसके तहत एक सप्ताह में 13 बंदियों को प्रशासनिक आधार पर गैर जिले की जेलों में भेजा जा चुका है।
बाराबंकी : मोबाइल के जरिये जेलों में हो रही आपराधिक वारदातों के मद्देनजर जेल प्रशासन ने जैमर लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इससे कारागार में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर सकेगा और कैदियों व बंदीरक्षकों की गतिविधियों की प्रभावी निगरानी भी हो सकेगी। इतना ही नहीं जेल के अफसर भी मोबाइल के बजाय लैंडलाइन पर ही बात कर सकेंगे। बीते दिनों अफसरों ने कई बार कारागार का निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था परखी थी, हालांकि उस दौरान कुछ आपत्तिजनक नहीं मिला था। कारागार में जैमर लगाना प्रशासनिक चुस्ती का हिस्सा है। इसके तहत एक सप्ताह में 13 बंदियों को प्रशासनिक आधार पर गैर जिले की जेलों में भेजा जा चुका है।
उच्च तकनीकी का लगेगा जैमर
कारागार में में उच्च तकनीक का जैमर लगाया जाएगा, जोकि किसी भी कंपनी के मोबाइल फोन के नेटवर्क को आसानी से ध्वस्त कर देगा। जेल परिसर गेट में दाखिल होते ही जैमर कार्य करने लगेगा। हालांकि, जेल परिसर में बने जेल अधिकारियों व बंदीरक्षकों के आवासों पर यह जैमर कार्य करेगा या नहीं इसके बारे में स्वयं अधिकारियों को जानकारी नहीं दी गई है। बीएसएनएल के अलावा विभिन्न निजी कंपनियों के सिम का इस्तेमाल कारागार में अधिकारी अभी तक करते हैं।
फैक्ट फाइल
बैरक : 20 बैरक (उच्च सुरक्षा सेल बैरक, पुरूष बैरक, महिला कैदियों की बैरक, बच्चा बैरक)
कैदी : 1250 ------------------
जेल के भीतर मोबाइल ले जाना अपराध है। गेट पर ही तैनात सुरक्षा कर्मी मोबाइल रखवा लेते हैं। जैमर लगाने की प्रक्रिया के लिए पूर्व में प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इससे सुरक्षा व्यवस्था के और पुख्ता होने की उम्मीद है।
-आरके जायसवाल, जेल अधीक्षक।