जलता कूड़ा बढ़ा रहा हृदय संबंधी बीमारियां
बाराबंकी : प्रदूषण बढ़ने के बावजूद जगह-जगह कूड़ा कचरा जलाया जा रहा है। जबकि कचरा जला
बाराबंकी : प्रदूषण बढ़ने के बावजूद जगह-जगह कूड़ा कचरा जलाया जा रहा है। जबकि कचरा जलाने पर प्रशासन ने पूर्णतया प्रतिबंध लगाया था। सही मॉनीट¨रग न किए जाने के कारण सुबह व शाम कूड़ा शहर में जलाए जाते कभी भी देखा जा सकता है।
जलते कूड़े से निकला धुआं होता नुकसानदायक : जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. आलोक वर्मा कहते हैं कि कूड़ा जलाने से वातावरण पूरी तरह दूषित हो जाता है। मीथेन, कार्बनडाई ऑक्साइड, कॉर्बन मोनो ऑक्साइड आदि गैसें बढ़ जाती हैं। जिससे ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इससे सांस से संबंधित बीमारी बढ़ जाती है। मुख्यत: अस्थमा के मरीज खासे प्रभावित होते हैं। इसके अलावा बुजुर्ग, नवजात भी अधिक प्रभावित होते है। ऑक्सीजन की मात्रा कम मिलने से हृदय संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं। सफाई कर्मी जला देते हैं कूड़ा : कूड़ा उठाने की बजाए सफाई कर्मी कूड़ा अक्सर जला देना ही ज्यादा मुनासिब समझते हैं। शहर के गुड़मंडी, देवा रोड, फैजाबाद रोड, लइया मंडी, घंटाघर से धनोखर मार्ग, लखपेड़ाबाग, बड़ेल के आसपास कूड़े को उठाने की बजाए कूड़ा जला दिया जाता है। जिससे इधर से गुजरने वाले राहगीरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लक्ष्मणपुरी निवासी पूर्व सभासद प्रद्युम्न यादव कहते हैं कि कई बार ईओ व चेयरमैन से शिकायत की मगर सफाई कर्मी कूड़ा उठाने की बजाए जला देते हैं। अयोध्यानगर निवासी रमाशंकर जायसवाल कहते हैं कि फैजाबाद मार्ग पर कूड़ा जला दिया जाता है। मना करने पर भी कोई सुधार नहीं हुआ है। कटरा निवासी व्यापारी जुनेद अंसारी का कहना है कि कूड़े से उठते धुएं के कारण सांस लेना कई बार मुश्किल हो जाता है। क्या कहती हैं ईओ : इस संबंध में ईओ संगीता कुमारी का कहना है कि नगर पालिका के सफाईकर्मी कूड़ा नहीं जलाते हैं। अगर कोई सफाईकर्मी कूड़ा जलाते मिलता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वार्डों में रहने वाले लोग अगर कूड़ा जलाते है तो उनके खिलाफ जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी।