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टेपरा गांव में ठप है कटान से बचाव का कार्य

बराबंकी टेपरा गांव की कलावती गीता देवी सोहन राम सुरेश गोकरन जगदीश महावीर के घर कटान के मुहाने पर होने के कारण घर खाली कर चुके हैं। दूसरी जगह रहने का ठिकाना बना रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 12:46 AM (IST)
टेपरा गांव में ठप है कटान से बचाव का कार्य
टेपरा गांव में ठप है कटान से बचाव का कार्य

बाराबंकी : सिरौली गौसपुर तहसील क्षेत्र के टेपरा गांव को घाघरा नदी में कटने से बचाने के लिए किया जा रहा कार्य बुधवार को ठप रहा। बाढ़ कार्य खंड के अधिकारियों ने बजट न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। कटान के मुहाने पर खड़े गांव के लोगों में असंतोष दिखाई पड़ा।

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टेपरा गांव के आठ परिवार अपना घर छोड़ चुके हैं। करीब 500 बीघा जमीन नदी में कट चुकी है। खेती लायक जमीन कटने से लोग परेशान हैं। डीएम के निर्देश पर बाढ़ कार्य खंड की ओर से गांव के कटान स्थल पर मिट्टी व ईंटों से भरी बोरियों को डालने का काम किया जा रहा था जो बुधवार को बंद दिखा। जेई कमर सिंह ने बताया कि बजट नहीं है। जबकि बाढ़ कार्य खंड के अधिशाषी अभियंता उत्कर्ष भारद्वाज का कहना है कि टेपरा में कटान नियंत्रण कार्य बंद नहीं किया गया है। कटान रोकने के लिए तीन कटर बनाए गए हैं। बुधवार को मौके पर जाकर जेई को कटान नियंत्रण कार्य के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। गुरुवार से काम फिर शुरू होगा।

ग्रामीणों में कटान का डर : टेपरा गांव की कलावती, गीता देवी, सोहन, राम सुरेश, गोकरन, जगदीश, महावीर के घर कटान के मुहाने पर होने के कारण घर खाली कर चुके हैं। दूसरी जगह रहने का ठिकाना बना रहे हैं। इन ग्रामीणों की खेती लायक जमीन भी कट गई है। राम सुरेश का कहना है कि गांव को कटने से बचाना मुश्किल है। ड्रेजिग कार्य जब शुरू किया गया तब हम लोगों ने विरोध किया था लेकिन विरोध के बावजूद कार्य जारी रहा जिसके चलते घर छोड़ने की नौबत आई है।


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