सीएचसी पर नहीं मिला इलाज, किसान की मौत
ग्रामीण अंचल के सरकारी चिकित्सालयों में सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो रहा। सिर्फ इमरजेंसी के ही मरीज देखने की बात कही जा रही है। थाना जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम चेचरूआ निवासी किसान धर्मेंद्र कुमार पुत्र अंगनू को समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई। गांव के प्रधान लोकनाथ सिंह ने बताया कि बुधवार की शाम पांच बजे धमेंद्र खेत से लौटा। उसने बताया कि किसी जहरीले जंतु (शायद सर्प)ने काटा है। एंबुलेस को फोन किया गया लेकिन आधा
बाराबंकी : ग्रामीण अंचल के सरकारी चिकित्सालयों में सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। सिर्फ इमरजेंसी के ही मरीज देखने की बात कही जा रही है। थाना जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के ग्राम चेचरूआ निवासी किसान धर्मेंद्र कुमार पुत्र अंगनू को समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई। गांव के प्रधान लोकनाथ सिंह ने बताया कि बुधवार की शाम पांच बजे धमेंद्र खेत से लौटा। उसने बताया कि किसी जहरीले जंतु (शायद सर्प)ने काटा है। एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन आधा घंटा तक फोन नहीं लगा। इसके बाद उसे बाइक से सीएचसी जहांगीराबाद ले जाया गया जहां अधीक्षक ने यह कहकर देखने से इंकार कर दिया कि यहां सिर्फ कोरोना संदिग्ध मरीजों का ही इलाज होता है। सीएचसी से जिला चिकित्सालय तक मोटरसाइकिल से ही ले जाया गया जहां रात करीब नौ बजे देखते ही डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
वहीं, त्रिवेदीगंज सीएचसी पर गुरुवार की दोपहर गई अलमापुर गांव की युवती ने बताया कि उसका इलाज लखनऊ से चल रहा है। लखनऊ जा नहीं सकती। दवाई भी खत्म हो गई है। त्रिवेदीगंज में मेडिकल स्टोर भी बंद हैं। ऐसे में वह सीएचसी पर पहुंची तो डॉक्टर ने देखने से साफ इन्कार कर दिया। इस संबंध में सीएमओ डॉ. रमेश चंद्र का कहना है कि जहांगीराबाद सीएचसी को कोरोना संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने के लिए आरक्षित किया गया है। इसलिए वहां किसान का इलाज नहीं हो सका। अन्य सीएचसी पर इलाज की व्यवस्था है। त्रिवेदीगंज सीएचसी से युवती को लौटाने के मामले में चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।