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जिला अस्पताल में बाहरी व्यक्ति लिखते दवाएं

- वर्तमान में छह लोग फार्मासिस्ट की कर रहे इंटर्नशिप - सीएमएस बोले- बाहरी व्यक्तियों पर कस

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 06:30 PM (IST)
जिला अस्पताल में बाहरी व्यक्ति लिखते दवाएं
जिला अस्पताल में बाहरी व्यक्ति लिखते दवाएं

- वर्तमान में छह लोग फार्मासिस्ट की कर रहे इंटर्नशिप

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- सीएमएस बोले- बाहरी व्यक्तियों पर कसा गया है शिकंजा

संवादसूत्र, बाराबंकी : अगर आप जिला व महिला अस्पताल जा रहे हैं तो यहां बाहरी एजेंटों से होशियार रहिएगा, क्योंकि सरकारी अस्पताल में बाहरी एजेंट बड़े आराम से मरीजों को दवा व इंजेक्शन लिख रहे हैं। इनका आसपास के मेडिकल स्टोर व निजी अस्पतालों से कमीशन तय है। यही सरकारी अस्पताल में बाजार से मरीजों को दवाएं लिखवा रहे हैं।

सख्ती के बाद भी असर नहीं: जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एसके ¨सह ने अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के अगल-बगल बैठे बाहरी व्यक्तियों के खिलाफ शिकंजा कसा था, लेकिन इसके बावजूद भी चोरी छिपे इमरजेंसी में डॉक्टरों की शह पर बाहरी एजेंट दवा लिखने से लेकर इंजेक्शन कौन सा मरीज को लेना है यह तय करते हैं।

कौन हैं यह बाहरी व्यक्ति : अस्पताल से मिले सूत्रों की मानें तो इनमें से कई इंटर्नशिप कर चुके फार्मासिस्ट भी इस कार्य में लगे हैं। रंजीत, ¨पटू, अतुल, सुजीत, राममूर्ति, अनिल, राजकुमार ¨सह, सतेंद्र, सहित कई लोग है जो अस्पताल परिसर में ही मरीजों के तीमारदारों को दवा व इंजेक्शन लिखने का कार्य कर रहे हैं।

मौजूदा समय में छह लोग कर रहे इंटर्नशिप : जिला चिकित्सालय में मौजूदा समय में सिर्फ रामजी गुप्ता, सतीश कुमार, मो. आमिर, अर्जुन कुमार, ऋतिक कुमार, देवेंद्र कुमार फार्मासिस्ट की इंटर्नशिप कर रहे हैं।

महिला चिकित्सालय : यही हाल जिला महिला अस्पताल का हैं। जहां ग्रामीण अंचल की प्रसूताओं को रेफर करवाकर एजेंट निजी नर्सिंग होम में ले जाते हैं। फिर वहां उनके तीमारदारों से मोटी रकम इलाज के नाम पर वसूली जाती हैं।

काफी दिनों से चल रहा खेल : महंगे इंजेक्शन आपातकालीन कक्ष में तीमारदारों से बाजार से मंगवाने का खेल काफी दिनों से चल रहा है। अगर पेट में दर्द, उल्टी दस्त, जुखाम व बदन दर्द आदि है, और आप जिला चिकित्सालय के आपातकालीन कक्ष में मरीज को लेकर पहुंचे हैं तो अपनी जेब में रुपये जरूर रख लीजिए।

कोट

जो भी बाहरी व्यक्ति इसमें शामिल था, इमरजेंसी से भगा दिया गया है। मौजूदा समय में छह लोग फार्मासिस्ट की इंटर्नशिप कर रहे हैं। अगर अस्पताल का कोई भी चिकित्सक बाहरी व्यक्ति को संरक्षण देते पाया जाता है तो उसके खिलाफ उच्चाधिकारियों को लिखा जाएगा।

-डॉ. एसके ¨सह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, बाराबंकी


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