पुराने मुहल्लों मे जल निकासी बनी चुनौती
नाले कचरे से पट गए हैं और नालियां टूटी पड़ी हैं जिससे थोड़ी से बारिश में जलभराव हो जाता है।
बाराबंकी: विस्तारित क्षेत्र ही नहीं बल्कि शहर के पुराने मुहल्लों में भी जल निकासी की चुनौती बनी हुई है। नालियां सकरी हैं। थोड़ी सी बारिश में पुराने मुहल्लों में बने घरों में पानी भर जाता है। ऐसे में यहां पर घरों से निकलना तक दुश्वार हो जाता है। जबकि कई पुराने मुहल्ले ऐसे हैं जो जमुरिया नाले के किनारे बसे हुए हैं।
बारिश में बढ़ती है मुसीबत: शहर के पुराने मुहल्लों में आज भी जल निकासी की व्यवस्था चौपट है। हालत यह है कि दशहराबाग, कानूनगोयान, कैलाश आश्रम, सत्यप्रेमीनगर, रसूलपुर, आजादनगर, छाया के निकट इंदिरा मार्केट में थोड़ी सी बारिश में पानी भर जाता है। इसके अलावा शहर के मुहल्ला दुर्गापुरी व नेहरूनगर जो जमुरिया नाला के किनारे बसा हुआ है। यहां पर बारिश के समय आसपास मकानों में पानी भर जाता है। बारिश के पानी में जीव जंतु भी घरों में आ जाते हैं।
नालियां टूटी, नाले में भरा कचरा: जलनिकासी दुरुस्त न होने का एक कारण यह भी है कि पुराने मुहल्लों में कई जगह नालियां टूटी पड़ी हैं साथ ही पट गई हैं। नतीजतन बारिश का पानी सड़क पर बहता है। इसके अलावा पीरबटावन नाले में मलबा भरा पड़ा है। लाजपतनगर में भी मुख्य मार्ग पर नाला पटा होने के पानी सड़क पर बहता है। दशहराबाग के खलरिया के लोगों ने काफी पहले जलनिकासी के लिए प्रदर्शन किया था। जिसके बाद थोड़ा कार्य हुआ।
लोगों में नाराजगी: अयोध्या नगर निवासी पप्पू जायसवाल, दीपू जायसवाल का कहना है कि सतरिख नाका से सटे मुहल्ला अयोध्यानगर में बीते दो वर्ष से मुख्य मार्ग पर नाली पर रखा पत्थर टूट गया था। जिसके बाद नाली का गंदा पानी रोड़ पर ही बहता है। यहां तक कि दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो चुके हैं। महर्षिनगर निवासी राजेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि नाली न बनी होने से बारिश से दोपहिया वाहन से निकलना दुश्वार हो जाता है।
इनसेट: पुराने वार्डों में जो भी नालियां टूटी हुई है। वहां पर कार्य कराया जाएगा। जल निकासी बेहतर हो सके इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। वार्ड के सभासदों से भी जानकारी मांगी जा रही है।
वीके श्रीवास्तव, ईओ, नगर पालिका परिषद नवाबगंज, बाराबंकी।