बंदियों के लिए थाली की कीमत बढ़ी,पर नहीं मिला बजट
संवादसूत्र बाराबंकी थानों पर अभिरक्षा में रखे जाने वाले बंदियों को पुलिस दशकों से मात्र दस रुपये
बाराबंकी : थानों पर अभिरक्षा में रखे जाने वाले बंदियों को पुलिस दशकों से मात्र दस रुपये में दो समय का भोजन कराती आई है। हालांकि यह नाममात्र का बजट भी अधिकांश तौर पर विभाग को नसीब नहीं होता है। पांच माह पूर्व अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस दर में तीन गुना बढ़ोतरी करते हुए थाली के लिए धनराशि को दस से तीस रुपये प्रतिदिन कर दी थी, पर उसका अनुपालन नहीं हो सका है। पुलिस जिन बंदियों को अपनी अभिरक्षा में थाने पर रखती है, उसके भोजन की जिम्मेदारी थाना पुलिस की होती है। शासन से इन बंदियों को भोजन के लिए मात्र दस रुपये प्रतिदिन का बजट देने का प्रावधान था। जिसमें पांच रुपये में सुबह और शाम को भोजन दिया जाता रहा है। 18 सितंबर 2019 को अपर मुख्य सचिव ने इस दर में तीन गुना बढ़ोतरी की। जिसके तहत पुलिस अभिरक्षा में निरुद्ध बंदियों के लिए दी जाने वाली खुराक में 25 रुपये भोजन के लिए और पांच रुपये चाय के लिए निर्धारित किए गए थे।
कागजी आदेश मात्र : जारी किया गया यह आदेश अभी तक कागजों तक ही सीमित है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो पुरानी दर से मात्र दस रुपये का तो शासन से जल्दी बजट मिलता नहीं है, थाने की पुलिस ही भोजन की व्यवस्था कराती है। दर भले ही तीस कर दी गई हो, लेकिन इससे कोई बहुत राहत मिलती नहीं दिख रही है। पुलिस उपाधीक्षक राजेश यादव ने बताया कि नई दर अभी लागू नहीं हुई है। यदि थानों से बढ़ी दरों पर बिल पेश किया जाता है और शासन से इस उद्देश्य से बजट मिलता है तो अवश्य ही आदेश का अनुपालन किया जाएगा।