हाजी वारिस अली शाह का कुल शरीफ संपन्न
हाजी वारिस अली शाह का कुल शरीफ संपन्न
बाराबंकी : शनिवार की सुबह चार बजकर 13 मिनट पर सरकार हाजी वारिस अली शाह का कुल शरीफ अकीदत और परंपरानुसार संपन्न हुआ। कुल शरीफ में भाग लेने के लिए जायरीन की भारी भीड़ उमड़ी।
महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के वालिद सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में चल रहे दस दिवसीय देवा मेला (कार्तिक उर्स) के तहत शनिवार को मसोलियम ट्रस्ट की ओर से सरकार हाजी वारिस अली शाह के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इसमें भाग लेने के लिए जायरीन की भारी भीड़ ने मजार परिसर, मुहल्लों और मेला में खाली पड़े स्थानों पर डेरा डाल रखा था। सुबह चार बजकर 13 मिनट पर या वारिस-हक वारिस के गगनभेदी जयकारों के बीच कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इससे पहले रातभर कव्वालियों का दौर चला। तिलावते कुरआन एवं कलाम पढ़े गए। शिरीनी का नजराना सरकार वारिस पाक को पेश किया गया। इसके बाद लोगों में तबर्रुक वितरित किया। खानकाह कल्लन मियां, खानकाह हाफिज प्यारी शाह और मयकदा में भी कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। दोपहर बाद मजारे अकदस का गुस्ल हुआ। ट्रस्ट की ओर से सैकड़ों एहरामपोश फुकरा की मौजूदगी में गिलाफ, चादर व संदल अर्पित किया गया। जुलूस के साथ सरकार वारिस वारिस पाक को एहराम पेश किया गया। इसके बाद गुलामाने वारिस का कुल हुआ। एहरामपोश निराले शाह के नेतृत्व में आए लखीसराय के दल ने भी महफिले समा का आयोजन कर अपने वारिस पिया को अकीदत पेश की। कुल शरीफ के समापन के साथ ही बाहरी जायरीन की वापसी का दौर शुरू हो गया है।