..खाइये पंजाबी पराठा, पीजिए कश्मीरी चाय
श्रीकांत तिवारी/ललित शर्मा देवा (बाराबंकी) : देश-दुनिया के ख्याति अर्जित कर रहे सूफी संत हा
श्रीकांत तिवारी/ललित शर्मा देवा (बाराबंकी) : देश-दुनिया के ख्याति अर्जित कर रहे सूफी संत हाजी वारिस की सरजमी देवा के मेला में जहां मनोरंजन, ज्ञान व विज्ञान का भंडार देखने को मिल रहा है तो वहीं लजीज व्यंजन जायरीन को आकर्षित कर रहे हैं। पंजाबी पराठा खाकर कश्मीरी चाय पीजिए या फिर हलुआ पराठा खाकर शीतल जल। आगरे का पेठा, औरैया का खजला, चाइनीज डिस, चोखा-बाटी, सहित खाने-पीने की बेसुमार चीजों के चलते मेला का आनंद बढ़ जाता है।
खाने-पीने की दुकानों पर जायरीन की भीड़ निरंतर बनी रहती है। व्यंजनों की खुशबू दूर से ही लोगों को महसूस होती है। खास बात यह है कि मेला में ऐसी दुकानें भी हैं जहां सस्ते मूल्य पर भोजन भी मिलता है। सड़क के किनारे तंबूरी रोटी व सब्जी दस-पंद्रह रुपये में भरपूर मजा देती है। रातों दिन चलने वाले मेला में लोग दुकानों पर खरीद कर खाने के साथ ही स्वयं भी भोजन पकाते-खाते हैं। मेला में बाहरी जायरीन जब अपना भोजन बनाकर साथ मिलबैठकर खाते हैं तो वह ²श्य भी देखने लायक होता है।
फिरोजाबाद की चूड़ियां, बरेली का सुरमा, हरियाणा, लुधियाना के गर्म कंबल, रजाई, चादर, मुरादाबाद के बर्तन, मुंबई की आर्टीफिशियल ज्वैलरी से लेकर चायनीज खिलौने आदि की तमाम दुकानें व स्टाल इस मेले की शोभा का चार चांद लगा रहे हैं।